Mithilesh Yadav
25 Nov 2025
धर्म डेस्क। इस साल का अंतिम चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की मध्य रात्रि को लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारत में पूर्ण रूप से दिखाई देगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण केवल खगोलीय घटना ही नहीं, बल्कि इसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी होता है। शास्त्रों में माना गया है कि ग्रहण के बाद स्नान और दान-पुण्य करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और ग्रहण के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं।
ग्रहण समाप्त होने के बाद अगले दिन सूर्योदय के समय स्नान करना और पूजा करना बेहद आवश्यक माना गया है। मान्यता है कि इस दिन किया गया स्नान और पूजा पापों का नाश करता है तथा घर में सुख-शांति और समृद्धि लाता है। स्नान के बाद दान करने की परंपरा सबसे शुभ मानी जाती है।
चंद्रमा का संबंध सफेद रंग से है। इसलिए ग्रहण के बाद चावल, दूध, चीनी, सफेद मिठाई और चांदी की वस्तुओं का दान विशेष रूप से लाभकारी माना गया है। इससे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में धन-संपदा बढ़ती है।
चंद्र ग्रहण के बाद गेहूं, चावल और मूंग दाल जैसे अनाज दान करना बहुत पुण्यदायी होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दान से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती और परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ रहते हैं।
ग्रहण के दोष को दूर करने और नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए सफेद वस्त्रों का दान भी विशेष फलदायी माना गया है। यह दान परिवार में सुख-शांति और सकारात्मकता लाता है।
जिनकी कुंडली में चंद्र ग्रहण का दोष है, उनके लिए इस दिन चांदी की वस्तु जैसे सिक्का या आभूषण दान करना बहुत शुभ होता है। यह उपाय चंद्रमा को मजबूत करता है और मानसिक तनाव को दूर करने में मदद करता है।