
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बहुप्रतीक्षित जातीय जनगणना को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। गृह मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक यह जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी। पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगा, जबकि दूसरा चरण 1 मार्च 2027 से शुरू किया जाएगा। यह जनगणना आजादी के बाद देश की पहली जातिगत जनगणना होगी, जिसे मूल जनगणना के साथ जोड़ा गया है।
पहला फेज अक्टूबर 2026 से
जनगणना का पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से शुरू किया जाएगा, जिसमें चार पहाड़ी राज्यों को शामिल किया गया है- हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख। इन क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति और मौसम को ध्यान में रखते हुए पहले चरण में इन्हें प्राथमिकता दी गई है।
बाकी राज्यों में 1 मार्च 2027 से जनगणना
1 मार्च 2027 से देश के बाकी सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में जनगणना का दूसरा चरण शुरू किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि पूरे देश में एक व्यापक और समावेशी जातीय जनगणना हो, ताकि सामाजिक योजनाओं के लिए ठोस डेटा उपलब्ध हो सके।
केंद्र ने 2025 में किया था जातीय जनगणना का ऐलान
गौरतलब है कि 30 अप्रैल 2025 को केंद्र सरकार ने पहली बार जातीय जनगणना कराने की घोषणा की थी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि यह जनगणना मूल जनगणना के साथ ही कराई जाएगी। इस घोषणा को लेकर राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा रही, क्योंकि जातीय जनगणना की मांग लंबे समय से की जा रही थी।
2011 की जनगणना के बाद यह पहली जनगणना
भारत में आखिरी जनगणना 2011 में हुई थी। परंपरा के अनुसार हर दस वर्षों में जनगणना होती है, लेकिन 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण इसे टाल दिया गया। अब लगभग 16 वर्षों बाद यह प्रक्रिया दोबारा शुरू हो रही है।
पिछली जातीय गणना के आंकड़े सार्वजनिक नहीं हुए
2011 में मनमोहन सिंह सरकार के दौरान सामाजिक-आर्थिक और जातिगत जनगणना करवाई गई थी। इसमें ग्रामीण विकास मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने संयुक्त रूप से कार्य किया था। हालांकि, इस गणना के पूरे आंकड़े आज तक सार्वजनिक नहीं किए गए। केवल SC-ST हाउसहोल्ड के आंकड़े ग्रामीण विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
विपक्ष की लंबे समय से थी मांग
कांग्रेस सहित विपक्षी दलों की लंबे समय से मांग रही है कि केंद्र सरकार जातिगत जनगणना कराए, ताकि सामाजिक न्याय और आरक्षण की नीतियों के लिए वास्तविक आंकड़े उपलब्ध हो सकें। अब सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी किए जाने से यह मांग पूरी होती दिख रही है।