Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
नई दिल्ली। बिहार चुनाव के माहौल और राहुल के कथित वोट चोरी के आरोपों के बीच भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच मतदाता सूची को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विपक्ष जहां चुनाव आयोग और भाजपा पर मतदाता सूची में गड़बड़ी और फर्जी नाम जोड़ने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए सोनिया गांधी और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
भाजपा का दावा है कि सोनिया गांधी का नाम भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से पहले ही दो बार वोटर लिस्ट में जोड़ा गया था। इसके अलावा रायबरेली में एक ही पते पर दर्जनों मतदाताओं के पंजीकरण को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं।
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दावा किया कि सोनिया गांधी का नाम पहली बार 1980 में नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में जोड़ा गया था, जब वे इटली की नागरिक थीं। उस समय गांधी परिवार प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आधिकारिक आवास 1, सफदरजंग रोड में रह रहा था। 1 जनवरी 1980 को मतदाता सूची में संशोधन के दौरान पोलिंग स्टेशन 145 में क्रम संख्या 388 पर सोनिया का नाम दर्ज किया गया।
मालवीय के मुताबिक, 1982 में विरोध के बाद उनका नाम सूची से हटा दिया गया, लेकिन 1983 में फिर से जोड़ा गया। इस बार उनका नाम पोलिंग स्टेशन 140 में क्रम संख्या 236 पर दर्ज हुआ। समस्या यह थी कि सूची के लिए पात्रता की तारीख 1 जनवरी 1983 थी, जबकि सोनिया गांधी को भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली। मालवीय ने इसे चुनावी कानून का स्पष्ट उल्लंघन बताते हुए सवाल उठाया कि शादी के 15 साल बाद ही क्यों नागरिकता ली गई।
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रायबरेली में मतदाता सूची में गंभीर अनियमितताएं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एक ही मकान नंबर 189 में पोलिंग स्टेशन 131 पर 47 मतदाता पंजीकृत हैं। इसके अलावा मोहम्मद कैफ खान नाम का व्यक्ति तीन अलग-अलग बूथ 83, 151 और 218 में दर्ज है। ठाकुर ने पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर का भी उदाहरण दिया, जहां उनके अनुसार हाउस नंबर 0011, बूथ नंबर 103 पर विभिन्न धर्मों के मतदाताओं का नाम एक साथ रजिस्टर हुआ है।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का चुनावी प्रदर्शन लगातार कमजोर रहा है और हार के बाद पार्टी आत्ममंथन करने के बजाय चुनाव आयोग और संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप लगाने में जुट जाती है।
उन्होंने याद दिलाया कि कई मौकों पर कांग्रेस ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को भाजपा के पक्ष में रिग किए जाने का दावा किया और बैलेट पेपर से मतदान की मांग की। ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हर हार के बाद नया बहाना खोजती है और सच्चाई का सामना नहीं करती।
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अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस बार भी कांग्रेस और विपक्षी दल बिहार चुनाव में अपनी संभावित हार को देखते हुए पहले से ही झूठे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने 1952 के आम चुनाव का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने मिलकर डॉ. भीमराव अंबेडकर को हराने में भूमिका निभाई थी और उसी समय चुनावी भ्रष्टाचार की नींव रखी गई थी। भाजपा नेताओं के मुताबिक, यह रवैया आज भी कांग्रेस में कायम है।