Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
Peoples Reporter
7 Oct 2025
Shivani Gupta
7 Oct 2025
रवीन्द्र मिश्र
नई दिल्ली। बिहार चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने कमर कस ली है और यहां भी वह मध्यप्रदेश जैसा सफल प्रयोग करने में जुट गई है। भाजपा ने जिस तरह से मध्यप्रदेश में केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारकर बहुमत के आंकड़े से कहीं अधिक 163 सीटें जीती थी उसी तरह से वह बिहार विधानसभा चुनाव में भी दोहराने के लिए प्रयासरत हो गई है। गौरतलब है कि वर्ष 2023 में हुए मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक नया प्रयोग करते हुए केंद्रीय मंत्रियों नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रह्लाद पटेल के अलावा सांसद राकेश सिंह, गणेश सिंह व कैलाश विजयवर्गीय जैसे दिग्गजों को चुनाव मैदान में उतारकर अभूतपूर्व विजय दर्ज की है, उसे देखते हुए भाजपा का मनोबल काफी बढ़ गया है और अब वह यही प्रयोग बिहार विधानसभा चुनाव में करने जा रही है।
सूत्रों के अनुसार यह बताया भी जा रहा है और भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में इसकी चर्चा तेज हो गई है कि इस बार बिहार चुनाव में भाजपा बिहार से आने वाले कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को चुनाव में उतारेगी। इसके तहत कई नाम हैं जिनमें केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, गिरिराज सिंह, पूर्व मंत्री अश्वनी चौबे, राजीव प्रताप रूड़ी, शाहनवाज हुसैन, रामकृपाल यादव, ओमप्रकाश यादव, राधामोहन सिंह व डा. संजय जायसवाल आदि के अलावा राजग सहयोगी दल के चिराग पासवान का नाम प्रमुखता से चर्चा में है। वहीं विधान परिषद सदस्य संजय मयूक को भी टिकट मिलने की संभावना प्रबल है। इनमें से कुछ को टिकट दिया जाएगा, लेकिन कुछ अपने बेटों के लिए लगे हुए हैं।
दरअसल, बिहार चुनाव को भाजपा काफी सजग हो गई है और किसी भी परिस्थिति में वह पिछले चुनाव की तुलना में अधिक सीटें जीतने की जुगत में जुटी है। इसीलिए वह इस चुनाव में कई विधायकों के टिकट काटते हुए दिग्गज नेताओं को उतारने का फैसला करने वाली है। पिछले चुनाव में भाजपा 110 सीटों पर लड़ी थी जिसमें 74 सीटें जीती थी। जनता दल (यूनाइटेड) ने 115 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 43 सीटों पर जीत दर्ज की। दूसरी ओर, महागठबंधन को कुल 110 सीटों पर जीत मिली। इसमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सबसे बड़ी पार्टी रही, जिसने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा और 75 सीटें जीतीं। कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ी लेकिन केवल 19 सीटें जीत पाई। ऐसे में भाजपा अपने पिछले आंकड़ों से ज्यादा सीट जीतने के लिए ही यह प्रयोग कर रही है।