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बीजापुर। स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने फिर हिंसा की कोशिश की। जांगला थाना क्षेत्र के माटवाड़ा-कुटरू सड़क पर माओवादियों द्वारा लगाए गए आईईडी की चपेट में आकर जिला रिजर्व गार्ड (DRG) का एक जवान घायल हो गया। घटना गुरुवार, 14 अगस्त को हुई, जब इंद्रावती एरिया में एंटी नक्सल ऑपरेशन के लिए सुरक्षाबल निकले थे।
पुलिस के अनुसार, DRG की टीम बाइक और पिकअप वाहन से ऑपरेशन पर जा रही थी, तभी सड़क पर लगाए गए आईईडी में ब्लास्ट हो गया। इसके बाद पुलिस और माओवादियों के बीच फायरिंग भी हुई। घायल जवान को तुरंत भैरमगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) लाया गया, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
पुलिस का कहना है कि नक्सलियों ने यह ब्लास्ट सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के इरादे से किया था। फिलहाल, बैकअप पार्टियां मौके पर भेजी गई हैं और इलाके में सर्चिंग जारी है।

इसी दिन, थाना पामेड़ के उड़तामल्ला के जंगल में बने माओवादी स्मारक को जवानों ने ध्वस्त कर दिया। यहां से बड़ी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद हुए, जिनमें भरमार बंदूक, बीजीएल राउंड, बीजीएल पार्ट्स, PEK विस्फोटक, यूरिया, इलेक्ट्रिक वायर, एम्युनेशन पोच, विभिन्न आकार के प्रेशर कुकर, आरी ब्लेड और स्पीकर शामिल हैं।
14 अगस्त को माओवादी विरोधी अभियान के तहत कोबरा 208, केरिपु 228 और कोबरा 203 (जिला सुकमा) की संयुक्त टीमें गुंडराजगुड़ेम, बड़सेनपल्ली, मंगलतोर और उड़तामल्ला में अभियान पर निकली थीं।
वहीं, थाना तर्रेम के जिला बल और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (केरिपु) की 170वीं बटालियन ने कोमटपल्ली के जंगलों में सर्चिंग की। सुरक्षाबलों का कहना है कि क्षेत्र में कैंप स्थापना के बाद नक्सलियों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं और उनके अस्थायी ठिकानों को ध्वस्त किया जा रहा है।
अधिकारियों का मानना है कि हाल के महीनों में बस्तर और बीजापुर में सुरक्षा बलों की बढ़ी हुई मौजूदगी और लगातार सर्चिंग से नक्सलियों की गतिविधियों पर असर पड़ा है। स्वतंत्रता दिवस से पहले इस तरह के ऑपरेशनों का मकसद संभावित हमलों को रोकना और ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा का भरोसा बढ़ाना है।