Shivani Gupta
24 Oct 2025
पटना। बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर इस बार का चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और इंडिया अलायंस (महागठबंधन) के बीच सीधी टक्कर है। जहां एक ओर अनुभवी नीतीश कुमार के नेतृत्व में NDA विकास और स्थिर सरकार के भरोसे पर दांव लगा रहा है। वहीं दूसरी ओर युवा नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन बदलाव, युवा मतदाताओं और जातीय समीकरणों के सहारे जीत की राह देख रहा है।
बता दें कि, NDA गठबंधन के नेता नीतीश कुमार जनता के बीच विकास जारी रहेगा का संदेश दे रहे हैं। उनके पास सरकार चलाने का लंबा अनुभव और पूर्व के कार्यों का रिकॉर्ड है। यह गठबंधन अपनी पिछली चुनावी लहर और सत्ता में बने रहने के रिकॉर्ड पर भरोसा कर रहा है। एक सर्वे में NDA को लगभग 49% वोट हिस्सेदारी और 150-160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है, जो उनके लिए बड़ी बढ़त हो सकती है।
महागठबंधन में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बदलाव की मांग को जोर-शोर से उठा रहा है। तेजस्वी यादव ने विशेष रूप से युवाओं की समस्याओं के समाधान का वादा किया है और उन्हें सीएम उम्मीदवार भी घोषित किया जा चुका है। महागठबंधन युवा वोटर्स, जातीय समीकरणों को साधने और परिवर्तन की चाह रखने वाले मतदाताओं को अपनी ओर खींचने की कोशिश में है। युवा चेहरा होने का फायदा उन्हें मिलता दिख रहा है, जैसा कि राजनीतिक चर्चाओं में सामने आ रहा है।
वर्तमान में किसी भी गठबंधन की स्पष्ट जीत के संकेत नहीं मिल रहे हैं। सोशल मीडिया और अलग-अलग चुनावी सर्वे अलग-अलग बातें कह रहे हैं। कुछ NDA को आगे बता रहे हैं, तो कुछ INDIA Alliance की जीत की ओर इशारा कर रहे हैं। बिहार की राजनीति में हर दिन नए समीकरण बन रहे हैं और उतार-चढ़ाव आ रहे हैं, जिससे यह चुनाव और भी रोमांचक हो गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव का अगला अध्याय 6 और 11 नवंबर को होने वाले मतदान के बाद 14 नवंबर को लिखा जाएगा। यदि पूर्व की लहर बनी रहती है, तो NDA को जीत मिल सकती है। वहीं, अगर राज्य में बदलाव की लहर चलती है और युवा तथा जातीय समीकरण महागठबंधन के पक्ष में काम करते हैं, तो INDIA Alliance की राह खुल सकती है। फिलहाल, बाजी कौन मारेगा यह कहना जल्दबाजी होगी।