Shivani Gupta
9 Oct 2025
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद चुनाव आयोग ने नया बयान जारी किया है। आयोग ने आदर्श आचार संहिता के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को AI आधारित कंटेंट के दुरुपयोग से बचने की सख्त हिदायत दी है। दरअसल, चुनाव तारीखों के ऐलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई थी, जिसके तहत दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।
आयोग ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि दूसरे दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना अपुष्ट आरोपों या तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने के आधार पर नहीं की जानी चाहिए। साथ ही, आयोग ने सभी पार्टियों को आगाह किया कि AI तकनीक के इस्तेमाल से डीपफेक या भ्रामक वीडियो तैयार कर सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित किया जा सकता है, जिससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है। आयोग ने स्पष्ट किया कि चुनावी अखंडता की रक्षा के लिए ऐसी गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है।
चुनाव आयोग के नए निर्देशों के मुताबिक, अगर कोई दल या उम्मीदवार अपने प्रचार में AI जेनरेटेड, डिजिटली परिवर्तित या कृत्रिम सामग्री का उपयोग करता है, तो उसे स्पष्ट रूप से 'AI जनरेटेड', 'डिजिटल रूप से संवर्धित' या 'कृत्रिम सामग्री' जैसे लेबल के साथ प्रदर्शित करना होगा। आयोग ने कहा कि सोशल मीडिया पोस्ट पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि चुनावी माहौल को दूषित होने से रोका जा सके। किसी भी उल्लंघन की स्थिति में संबंधित दल या उम्मीदवार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आयोग ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधान इंटरनेट और सोशल मीडिया पर साझा की जाने वाली सभी प्रचार सामग्री पर भी समान रूप से लागू होंगे। साथ ही, आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को दूसरों की आलोचना केवल उनके नीतिगत रुख, कार्यक्रमों, कार्यों और पिछले रिकॉर्ड तक सीमित रखनी चाहिए। किसी भी बात को तोड़-मरोड़कर या भ्रामक तरीके से प्रस्तुत नहीं किया जाना चाहिए।
बता दें कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर दो चरणों में चुनाव होंगे-
पहला चरण: 6 नवंबर
दूसरा चरण: 11 नवंबर
परिणाम घोषणा: 14 नवंबर