
भोपाल। वंदे भारत जैसी हाई-प्रोफाइल ट्रेन में भी अब यात्री खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। दिल्ली से भोपाल आ रही वंदे भारत एक्सप्रेस के एग्जीक्यूटिव कोच में सीट को लेकर ऐसा बवाल हुआ कि एक बुजुर्ग यात्री लहूलुहान हो गया। आरोप है कि झांसी स्टेशन पर बबीना से बीजेपी विधायक राजीव सिंह के समर्थकों ने ट्रेन में चढ़कर उस यात्री के साथ मारपीट की, जिसने विधायक की सीट से अदला-बदली करने से इनकार कर दिया था।
क्या है पूरा मामला?
ट्रेन नंबर 20172 वंदे भारत एक्सप्रेस बुधवार को दिल्ली से भोपाल के लिए रवाना हुई थी। कोच E-2 में सीट नंबर 8 पर विधायक राजीव सिंह, सीट नंबर 50 पर उनकी पत्नी और 51 नंबर पर उनका बेटा श्रेयांश सवार थे। उसी कोच में सीट नंबर 49 (विंडो सीट) पर लखनऊ निवासी राज प्रकाश नाम के यात्री बैठे थे।
विधायक ने उनसे कहा कि, वे उनकी सीट (8 नंबर) पर चले जाएं और वे विंडो सीट पर बैठें, लेकिन यात्री ने मना कर दिया। इसके बाद झांसी स्टेशन पर जब ट्रेन रुकी तो 7-8 लोग कोच में घुसे और राज प्रकाश की पिटाई शुरू कर दी। लात-घूंसे और चप्पलों से मारे गए इस यात्री की नाक टूट गई और खून बहने लगा।
चश्मदीदों ने क्या बताया?
घटना के वक्त कोच में मौजूद महिला यात्री कीर्ति ने बताया कि, करीब 15 से 20 लोग झांसी स्टेशन से ट्रेन में घुसे और अचानक राज प्रकाश पर हमला कर दिया। “नाक से खून बहने लगा, पूरा कंपार्टमेंट दहशत में आ गया। वहां बच्चे और महिलाएं भी थीं। किसी को कुछ समझ नहीं आया कि ये हो क्या रहा है।”
पूर्व मंत्री रामनिवास रावत भी थे मौजूद
पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता रामनिवास रावत भी उसी कोच में सफर कर रहे थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर घटना का ज़िक्र करते हुए लिखा, “अगर वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेन में यह हाल है तो आम ट्रेनों में क्या होता होगा? पुलिस भी हमलावरों के साथ थी।” उन्होंने रेल मंत्री से इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की।
विधायक ने दी सफाई
विधायक राजीव सिंह ने अपने वीडियो बयान में कहा कि 49 और 52 नंबर सीटों पर बैठे यात्री आपत्तिजनक मुद्रा में बैठे थे, जिस कारण अन्य यात्रियों को असुविधा हो रही थी। उन्होंने उन्हें ठीक से बैठने को कहा, लेकिन वे बहस पर उतर आए और अपशब्द बोले। “मैं गैलरी में चला गया ताकि विवाद न बढ़े, लेकिन उन्होंने सोचा कि मैं शिकायत कर रहा हूं और मुझसे उलझ गए।” विधायक ने झांसी जीआरपी में दोनों यात्रियों के खिलाफ एनसीआर दर्ज कराई है।
क्या है एनसीआर?
एनसीआर यानी नॉन-कॉग्निजेबल रिपोर्ट ऐसे मामलों में दर्ज की जाती है जो गंभीर नहीं होते, जैसे गाली-गलौज या हल्की झड़प। पुलिस ऐसे मामलों में बिना कोर्ट की अनुमति के जांच नहीं कर सकती, न ही गिरफ्तारी कर सकती है।
पुलिस की चुप्पी पर कांग्रेस ने साधा निशाना
मारपीट के बाद ट्रेन भोपाल की ओर रवाना हो गई। रानी कमलापति स्टेशन पर जब मीडिया ने घायल यात्री राज प्रकाश से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कहा, “मैं पुलिस में शिकायत कर रहा हूं।” वे डरे-सहमे दिखे।
कांग्रेस ने इस घटना को लेकर बीजेपी विधायक और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेता मुकेश नायक ने लिखा, “क्या यही है सुशासन? यूपी में कानून नहीं, गुंडा राज चल रहा है।”
सवालों के घेरे में सुरक्षा
इस घटना ने वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के समय मौजूद यात्रियों ने बताया कि कोच में 3-4 पुलिसवाले भी थे लेकिन उन्होंने कोई दखल नहीं दिया। बाद में जब RPF पहुंची, तब तक ट्रेन आगे बढ़ चुकी थी।
रेलवे और सरकार की चुप्पी
घटना के बाद रेलवे अधिकारियों ने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। वहीं जीआरपी ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन कार्रवाई की दिशा अब तक साफ नहीं हो पाई है।
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