Naresh Bhagoria
26 Nov 2025
उज्जैन। मध्य प्रदेश में शादी के सीजन के बीच एक खास नजारा देखने को मिला। दुल्हन घोड़ी पर बैठकर खुद अपने दूल्हे को शादी का निमंत्रण देने पहुंची। यह अंदाज राहगीरों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया। शहर की सड़कों पर ढोल–बाजे की आवाज़ गूंज रही थी, बाराती झूमते हुए आगे बढ़ रहे थे और घोड़ी पर सजी–धजी दुल्हन अपूर्वा ओझा शान से बैठी थीं। आमतौर पर दूल्हा घोड़ी पर बैठकर दुल्हन के पास जाता है, लेकिन इस बार कहानी उल्टी थी – दुल्हन ही घोड़ी पर सवार होकर अपने दूल्हे को निमंत्रण देने निकली थीं।
अहमदाबाद के साउथ इंडियन बैंक में क्लास वन अधिकारी और इंदौर निवासी अपूर्वा ओझा की शादी मंगलवार को उज्जैन के केजीसी होटल में संपन्न हुई। फेरे शुरू होने से पहले अपूर्वा ने अपने होने वाले पति बड़ौदा निवासी हर्ष दवे को एक अनोखे अंदाज में विवाह का निमंत्रण दिया।
दुल्हन अपूर्वा घोड़ी पर सवार होकर बैंड-बाजे और बारात के साथ जुलूस में निकलीं। करीब डेढ़ घंटे तक चलने वाले इस जुलूस में अपूर्वा ने बीच-बीच में नाचकर माहौल को और भी शानदार बना दिया। राहगीर उनकी इस अद्भुत प्रस्तुति को देखकर हैरान रह गए।
अपूर्वा के अनुसार यह राजस्थान के श्रीमाली समाज की परंपरा है, जिसमें दुल्हन घोड़ी पर बैठकर दूल्हे को शादी के लिए आमंत्रित करती है। उन्होंने कहा कि लड़कियों को भी मज़ा लेना चाहिए और समाज में महिलाओं को बराबरी का स्थान मिलना चाहिए। उनके दोस्त इंदौर, बेंगलुरु और बड़ौदा से सिर्फ इस परंपरा को देखने के लिए आए थे।
दूल्हा हर्ष दवे ने बताया कि वह अपनी दुल्हन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। दुल्हन को इस अंदाज में आते देखकर उन्हें बहुत खुशी हुई। यह सालों पुरानी परंपरा है और इसे आज भी गर्व से निभाया गया।
अपूर्वा के इस साहसिक और खूबसूरत अंदाज ने शादी को यादगार बना दिया। उज्जैन की गलियों में निकली यह बारात न सिर्फ परंपरा का सम्मान करती नजर आई, बल्कि यह भी संदेश दिया कि खुशी, उत्सव और रिवाज सबके अधिकार हैं चाहे वह दूल्हा हो या दुल्हन।