Naresh Bhagoria
4 Dec 2025
Naresh Bhagoria
4 Dec 2025
उमरिया। मध्यप्रदेश के उमरिया जिले स्थित विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में उस वक्त अफरातफरी मच गई जब एक बाघ ने रेस्क्यू दल के हाथी पर अचानक हमला कर दिया। इस हमले में हाथी पर सवार महावत गिरकर घायल हो गया। बाघ की तेज दहाड़ और हमले से विचलित हाथी बेकाबू होकर भागा, जिससे यह हादसा हुआ। घायल महावत को तत्काल उपचार के लिए मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।
घटना मानपुर बफर परिक्षेत्र के ग्राम बल्हौड के मुंहबोला क्षेत्र की है। बीते दो दिनों से ग्रामीण इलाके के पास एक बाघ का मूवमेंट देखा जा रहा था। सूत्रों के अनुसार, बाघ ने गांव के पास एक मवेशी का शिकार किया था और इसके बाद से ही वह लगातार खेतों और झाड़ियों के आसपास मंडरा रहा था। ग्रामीणों में दहशत का माहौल था, वहीं बाघ को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग भी वहां पहुंचने लगे थे।
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ग्रामीणों की सूचना पर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने हाथियों की मदद से बाघ को जंगल की ओर वापस भेजने का अभियान शुरू किया। इसी दौरान बाघ झाड़ियों में छिपा हुआ था। जैसे ही एक हाथी झाड़ियों में गया, बाघ ने अचानक हमला कर दिया और जोरदार दहाड़ लगाई। बाघ की आवाज और झपटने की कोशिश से हाथी घबरा गया और बेकाबू होकर भागने लगा। इसी अफरातफरी में महावत नीचे गिर पड़ा और उसे चोटें आईं।
घायल महावत को तुरंत रेस्क्यू दल ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर में भर्ती कराया। डॉक्टरों के मुताबिक, उसे मामूली चोटें आई हैं और उसकी स्थिति अब खतरे से बाहर है। प्रभारी परिक्षेत्र अधिकारी महावीर पांडे ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि बाघ ट्रैकिंग के दौरान इस तरह की घटनाएं असामान्य नहीं हैं। कभी-कभी बाघ रक्षात्मक होकर हमला कर देता है, जिससे हाथी भी विचलित हो जाता है।
घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जो बुधवार को सार्वजनिक हुआ। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि बाघ झाड़ियों में छिपा हुआ था और जैसे ही हाथी पास पहुंचा, उसने अचानक हमला कर दिया। हमले के बाद हाथी ने तेजी से पीछे हटकर खुद को बचाया। वीडियो सामने आने के बाद लोग सोशल मीडिया पर इसे खूब शेयर कर रहे हैं, जबकि वन विभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और बाघ से दूरी बनाए रखने की अपील की है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रशासन ने कहा है कि मानपुर क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी अभी भी बनी हुई है। इसलिए ग्रामीणों से अनुरोध किया गया है कि वे जंगल या खेतों की ओर अकेले न जाएं और किसी भी मूवमेंट की जानकारी तुरंत वन विभाग को दें।