
छतरपुर। श्रद्धा के केंद्र माने जाने वाले बागेश्वर धाम में एक बार फिर दर्दनाक हादसा हुआ है। सोमवार-मंगलवार की रात धर्मशाला की दीवार ढहने से एक महिला श्रद्धालु की मौत हो गई, जबकि 10 अन्य लोग घायल हो गए। सभी श्रद्धालु उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल से बागेश्वर धाम पहुंचे थे। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। प्रशासन ने तत्काल रेस्क्यू कर घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया, जिनमें से चार को गंभीर हालत में ग्वालियर रेफर किया गया है।
रात 3 बजे भरभराकर गिरी दीवार
घटना छतरपुर जिले के गढ़ा गांव स्थित बागेश्वर धाम परिसर के पास एक धर्मशाला में हुई, जहां कई श्रद्धालु रात्रि विश्राम कर रहे थे। रात करीब 3 बजे अचानक धर्मशाला की दीवार भरभराकर गिर गई। हादसे में मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) निवासी अनीता देवी खरवार (40 वर्ष) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके साथ ठहरे अन्य लोग मलबे में दबकर घायल हो गए।
मरने वाली महिला श्रद्धालु उत्तर प्रदेश की निवासी
मृतक महिला अनीता देवी, मिर्जापुर जिले के अदलहाट गांव की रहने वाली थीं। परिजनों ने बताया कि वे अपने परिवार सहित धर्मशाला में सो रही थीं, तभी अचानक दीवार गिरने से मलबे में दब गईं। मौके पर ही उनकी सांसें थम गईं। उनके साथ ठहरे अन्य लोग भी दीवार की चपेट में आ गए।
हादसे में घायल हुए ये श्रद्धालु
- मुंशीलाल कश्यप (72), उत्तर प्रदेश
- पूनम देवी खरवार (38), मिर्जापुर
- प्रिया कुमारी खरवार (17), मिर्जापुर
- वीना देवी कश्यप (50), बरेली
- मंजू देवी कुर्मी (40), मिर्जापुर
- अरविंद कुमार पटेल (17), मिर्जापुर
- अंशिका कुमारी कहार (18), मिर्जापुर
- कौशल सैनी (18), हरिद्वार, उत्तराखंड
- गुलाबचंद साहू (55), हावड़ा, पश्चिम बंगाल
- धनेश्वरी देवी साहू (48), हावड़ा, पश्चिम बंगाल
4 घायलों को ग्वालियर रेफर
छतरपुर जिला अस्पताल के सीएमएचओ डॉ. आर.पी. गुप्ता ने बताया कि सभी घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया, जिनमें से चार की हालत गंभीर है और उन्हें ग्वालियर रेफर किया गया है। शेष को प्राथमिक इलाज के बाद अस्पताल में ही भर्ती रखा गया है।
5 दिन पहले भी हुआ था हादसा
यह पहला हादसा नहीं है। इससे पहले 3 जुलाई को बागेश्वर धाम परिसर में टेंट गिरने से गोंडा (उत्तर प्रदेश) के श्यामलाल कौशल (50) की मौत हो गई थी। हादसा तब हुआ था जब श्रद्धालु आरती के बाद टेंट के नीचे खड़े थे। बारिश के कारण टेंट में पानी भर गया और लोहे का एंगल सिर में लगने से श्यामलाल की जान चली गई थी। उस घटना में भी 8 लोग घायल हुए थे।
पंडाल हादसे को लेकर धीरेंद्र शास्त्री का बयान
टेंट गिरने की घटना के बाद बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि यह अफवाह है कि मुख्य पंडाल गिरा है। उन्होंने बताया था कि पुराने दरबार क्षेत्र में बनाए गए अस्थायी पॉलिथीन टेंट में बारिश का पानी भर गया था, जिससे वह नीचे आ गिरा। उन्होंने कहा कि घटना स्थल हमारे पंडाल से दूर था और घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया था।
मुआवजा देने की घोषणा
प्रशासन ने हादसे के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं। दीवार की गुणवत्ता, निर्माण मानकों और रखरखाव की स्थिति की समीक्षा की जा रही है। जिला प्रशासन ने मृतक के परिजनों को शासन से मुआवजा देने की घोषणा की है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर सवाल
लगातार दो हादसों ने बागेश्वर धाम में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बड़ी संख्या में आने वाले भक्तों के लिए पर्याप्त इंतजाम, ठहरने की सुरक्षित व्यवस्था और मौसम आपदा के मद्देनजर पूर्व योजना अब बेहद जरूरी हो गई है। श्रद्धालु भी अब खुद से सतर्कता बरतने की अपील कर रहे हैं।
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