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बाबा रामदेव ने रूह अफजा को बताया शरबत जिहाद, बोले- अगर आप ये शरबत पीते हैं, तो मदरसे और मस्जिद बनेंगे

पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए रामदेव ने आरोप लगाया है कि एक खास कंपनी शरबत बेचती है, जिससे होने वाली कमाई का इस्तेमाल मदरसे और मस्जिद बनाने में किया जाता है। हालांकि, उन्होंने किसी कंपनी का नाम नहीं लिया हैं, लेकिन लोगों ने उनके बयान को भारत में शरबत बनाने वाली मशहूर कंपनी रूह अफजा से जोड़कर देखा। इसका वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी।

पतंजलि शरबत खरीदने की अपील

रामदेव बाबा ने कहा कि अगर लोग वो शरबत खरीदते हैं, तो उसका फायदा धर्मार्थ शैक्षिक ट्रस्ट को होता है, जबकि पतंजलि का शरबत खरीदने से गुरुकुल और भारतीय शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने इसे ‘शरबत जिहाद’ कहा, जिसे लोग लव जिहाद से जोड़ने लगे। इतना ही नहीं, बाबा ने अन्य सॉफ्ट ड्रिंक्स की तुलना टॉयलेट क्लीनर से की और कहा कि सिर्फ पतंजलि के शरबत और जूस का ही सेवन करें।

क्या है रूह अफजा का इतिहास

रूह अफजा की शुरूआत 1906 में यूनानि चिकित्सक हाफिज मजीद ने दिल्ली के अपने हमदर्द लैबोरेटरीज में तैयार किया था। इसकी बिक्री की सबसे पहले भारत से ही शुरू हुई थी। जिसके बाद उनके बेटे हकीम मोहम्मद सईद ने पाकिस्तान जाकर वहां एक और हमदर्द शुरू किया। फिर, 1971 में बांग्लादेश में तीसरा हमदर्द शुरू हुआ। हमदर्द कंपनी का बिजनेस आज 25 से ज्यादा देशों में है और इसके 600 से ज्यादा वैरायटी हैं। हमदर्द ने एक हमदर्द फाउंडेशन की स्थापना की, जो धर्मार्थ शैक्षिक ट्रस्ट से जुड़ा है। इसके बाद से कंपनी का सारा मुनाफा फाउंडेशन को जाता है।

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