
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को लेकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होने वाला एक्सियम मिशन-4 (Ax-4) एक बार फिर टाल दिया गया है। यह मिशन अब तक पांच बार स्थगित हो चुका है। नई लॉन्चिंग तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी। शुभांशु इस मिशन में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और अगर सबकुछ ठीक रहा, तो वे अंतरिक्ष में जाने वाले देश के दूसरे व्यक्ति और ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बनेंगे।
पांचवीं बार टला लॉन्च, 22 जून को होनी थी उड़ान
Ax-4 मिशन को 22 जून को लॉन्च किया जाना था, लेकिन ISS के Zvezda सर्विस मॉड्यूल की हालिया मरम्मत और सुरक्षा जांच पूरी न होने की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया। नासा ने बताया कि ISS की तकनीकी प्रणालियां आपस में गहराई से जुड़ी होती हैं, इसलिए स्टेशन में नए एस्ट्रोनॉट्स को भेजने से पहले पूरी तरह से जांच जरूरी है।
शुभांशु की उड़ान में अब तक की देरी का हिसाब
29 मई: ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट तैयार न होने के कारण टाला गया।
8 जून: मौसम खराब होने के कारण स्थगित।
10 जून: फिर से मौसम बिगड़ने से लॉन्च रुका।
11 जून: ऑक्सीजन लीक के चलते रोका गया।
22 जून: अब ISS की सुरक्षा जांच के चलते स्थगित।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
शुभांशु का जन्म 1986 में लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। वे NDA पास करने के बाद 2006 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए और फाइटर पायलट बने। उन्हें ISRO के गगनयान मिशन के लिए भी चुना गया है। रूस और अमेरिका में उन्होंने अंतरिक्ष मिशन की ट्रेनिंग ली है, जिसमें माइक्रोग्रेविटी, इमरजेंसी मैनेजमेंट और वैज्ञानिक प्रयोगों की जानकारी शामिल है।
ISS पर क्या करेंगे शुभांशु?
शुभांशु ISS पर 14 दिनों तक रहेंगे और 7 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिन्हें भारत के शिक्षण संस्थानों ने तैयार किया है। ये प्रयोग मुख्य रूप से बायोलॉजिकल रिसर्च से जुड़े हैं। इसके अलावा, वे NASA के साथ 5 और प्रयोग करेंगे, जिनका डेटा भविष्य के मिशनों के लिए मददगार होगा। यह अनुभव भारत के गगनयान मिशन की नींव को और मजबूत करेगा।
मिशन में कौन-कौन एस्ट्रोनॉट शामिल हैं?
नाम | देश | भूमिका | खास बात |
शुभांशु शुक्ला | भारत | पायलट | 1984 के बाद दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री |
पेगी व्हिटसन | अमेरिका | कमांडर | NASA की पूर्व अंतरिक्ष यात्री, दूसरा प्राइवेट मिशन |
स्लावोश उज़्नान्स्की | पोलैंड | मिशन विशेषज्ञ | 1978 के बाद पोलैंड से स्पेस जाने वाले दूसरे व्यक्ति |
तिबोर कापू | हंगरी | मिशन विशेषज्ञ | 1980 के बाद हंगरी से स्पेस जाने वाले दूसरे व्यक्ति |
इस मिशन पर भारत ने कितना खर्च किया?
भारत ने इस मिशन के लिए करीब ₹548 करोड़ खर्च किए हैं। इसमें शुभांशु और उनके बैकअप पायलट प्रशांत नायर की ट्रेनिंग, उपकरण और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों का खर्च शामिल है। यह निवेश भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए अहम भूमिका निभाएगा।
क्या है Ax-4 मिशन का उद्देश्य?
- नई तकनीकों का परीक्षण
- माइक्रोग्रेविटी में वैज्ञानिक प्रयोग
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना
- स्पेस एजुकेशन व जागरूकता फैलाना
- भविष्य के लिए एक्सियम स्पेस स्टेशन की योजना तैयार करना
स्पेसएक्स बोला- “सेफ्टी फर्स्ट”
स्पेसएक्स ने कहा कि LOx (लिक्विड ऑक्सीजन) लीक को ठीक करने में और समय लगेगा। लॉन्चिंग से पहले सभी तकनीकी हिस्सों की समीक्षा जरूरी है। मरम्मत पूरी होने और लॉन्च विंडो उपलब्ध होने के बाद ही नई तारीख तय की जाएगी।
क्या है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS)?
ISS एक मल्टी-नेशनल स्पेस लैब है जो पृथ्वी की कक्षा में 28,000 किमी/घंटा की रफ्तार से घूमती है और हर 90 मिनट में पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करती है। इसे अमेरिका, रूस, जापान, यूरोप और कनाडा की स्पेस एजेंसियों ने मिलकर बनाया है। यहां वैज्ञानिक माइक्रोग्रेविटी में कई तरह के प्रयोग करते हैं।
क्यों ऐतिहासिक है यह मिशन?
यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि इन तीनों देशों के एस्ट्रोनॉट दशकों बाद अंतरिक्ष में जा रहे हैं। शुभांशु की अंतरिक्ष यात्रा न सिर्फ भारत के लिए गौरव का क्षण होगी, बल्कि यह भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन की दिशा में बड़ा कदम भी मानी जाएगी।