Priyanshi Soni
25 Oct 2025
Peoples Reporter
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Priyanshi Soni
25 Oct 2025
Shivani Gupta
24 Oct 2025
प्रभा उपाध्याय। कला उम्र की मोहताज नहीं होती है। ऐसी ही मिसाल 82 साल वर्षीय अशोक धोड़पकर दे रहे हैं। वे घर के पुराने बेकार सामान का उपयोग खूबसूरत मॉडल बना देते हैं। उन्होंने ऐसे ही सामान से राम मंदिर का मॉडल बनाया है। अशोक धोड़पकर ने बताया कि वे आर्मी की वर्कशॉप में काम करते थे इसलिए बिजली और मशीनों के बारे में अच्छी जानकारी है जो इस काम में मदद देती है। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद वक्त गुजारने के लिए घर में पड़े सामान से कुछ मॉडल बनाए जिन्हें लोगों ने सराहा। बाद में यह शौक में बदल गया। वे 20 साल से पुराना सामान इस्तेमाल कर खूबसूरत मॉडल बना रहे हैं। शादी की पत्रिकाएं, अखबार या मैगजीन में छपी रंगीन तस्वीरें पैकिंग के डिब्बे, एक्सरे शीट, खाली शीशियां, ढक्कन से वो कुछ नया बना लेते हैं।
वे बना चुके हैं इंदौर में लगी शिवाजी की प्रतिमा की प्रतिकृति, कभी पंढरपुर का मंदिर और नदी तो कभी खेत में काम करते किसान। साथ राम मंदिर की प्रतिकृति का भी निर्माण कर चुके हैं। साथ ही हैरिटेज ट्रेन के मॉडल को वे बैटरी से चलाते भी हैं। कुछ साल से वे दीपावली पर पिछले मॉडल या कृति से एक नया मॉडल बनाते हैं। मॉडल का प्रदर्शन कुछ दिनों तक करते हैं। उसके बाद उसे डिस्मेंटल कर देते हैं और फिर कुछ नया गढ़ते हैं।
अशोक धोड़पकर मॉडल में पानी बचाने, बेटी बचाने, पर्यावरण बचाने का संदेश भी देते हैं। कंजर्वेशन से संबंधित स्लोगन भी मराठी या हिंदी में लिखकर कर मॉडल के साथ लगाते हैं। गौरतलब है कि पत्नी और बेटी की मृत्यु के बाद से अकेले रहते हैं, लेकिन अपना हर काम खुद कर लेते हैं।