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एंटरटेनमेंट डेस्क। दिग्गज सिंगर आशा भोसले को उनके पर्सनैलिटी राइट्स मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी जीत मिली है। कोर्ट ने उनके नाम, आवाज और छवि के गलत इस्तेमाल पर तुरंत रोक लगाने का आदेश दिया है। जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्लेटफॉर्म द्वारा उनकी आवाज की क्लोनिंग भी शामिल है।
दरअसल, आशा भोसले ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। उन्होंने याचिका में कई डिजिटल प्लेटफॉर्म और संस्थाओं के खिलाफ अपने नाम और पहचान के गलत इस्तेमाल करने की शिकायत की थी। जिसमें AI कंपनी Mayk, ई-कॉमर्स साइट्स अमेजन और फ्लिपकार्ट, टेक प्लेटफॉर्म गूगल और एक स्वतंत्र कलाकार शामिल थे।
आशा भोसले की टीम ने कोर्ट को बताया था कि बिना अनुमति के इस तरह का इस्तेमाल उनके 80 साल के लंबे करियर में अर्जित प्रतिष्ठा और गुडविल को नुकसान पहुंचाता है। कोर्ट ने मामले की समीक्षा के बाद सभी के खिलाफ रेस्ट्रेनिंग ऑर्डर (Restraining Order) जारी किया। कोर्ट ने सभी प्लेटफॉर्म्स और सेलर्स को उल्लंघन करने वाले सभी कंटेंट और प्रोडक्ट लिस्टिंग को तुरंत हटाने का आदेश भी दिया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को आशा भोसले के पर्सनैलिटी राइट्स की रक्षा करते हुए एक आदेश जारी किया। कोर्ट ने विभिन्न संस्थाओं और प्लेटफॉर्म को सख्त हिदायत दी है कि वे सिंगर की अनुमति के बिना उनके व्यक्तिगत अधिकारों जैसे उनके नाम, छवि और आवाज का किसी भी तरह से व्यावसायिक या निजी लाभ के लिए इस्तेमाल न करें। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि AI टूल्स का उपयोग करके किसी सेलिब्रिटी की आवाज की नकल करना उनके पर्सनैलिटी राइट्स का उल्लंघन है।