भोपालमध्य प्रदेश

छत्तीसगढ़ से मप्र आने वाले हाथियों को खदेड़ेगी मधुमक्खियों की फौज, सरकार ने तैयार किया प्लान

भोपाल। मध्यप्रदेश के कई इलाकों में हाथियों का बस्तियों में घुसना और आतंक फैलाना आम बात है। इसे लेकर सरकार ने अब मधुमक्खियों का सहारा लेने का प्लान बनाया है। बताया जा रहा है कि सरकार ऐसे इलाकों में डिब्बों में मधुमक्खियां पालेगी और रहवासी इलाकों में आ रहे हाथियों के रास्ते में इन्हें छोड़ देगी। माना जा रहा है कि इनकी आवाज और डंक से हाथी मानव बस्तियों का रुख नहीं करेंगे। गौरतलब है कि पिछले साल छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश में आए जंगली हाथियों ने आठ से अधिक लोगों को मार डाला था।

हाथियों के रास्ते में रखी जाएंगी मधुमक्खियां

दरअसल, हाथी महुआ के फूल खा लेते हैं और इसके नशे के चलते छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे जिलों के रहवासी इलाकों में भटकते हैं। जब तक इन्हें भगाया जाता है, तब तक ये काफी नुकसान पहुंचा देते हैं। प्रदेश के अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार ने पिछले हफ्ते मानव-हाथी संघर्ष के प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसी में नया फॉर्मूला निकलकर सामने आया है। इसी के तहत लोगों को हाथियों को भगाने के लिए प्रभावित इलाकों में मधुमक्खियां पालने की सलाह दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि हाथी मधुमक्खियों से डरते हैं, क्योंकि मुधुमक्खियां उनकी आंख और सूंड में डंक मारती हैं। मधुमक्खयों की आवाज हाथियों को परेशान करती है। मधुमक्खियों से भरे डिब्बे हाथियों के रास्ते में रखने से हाथियों को मानव बस्तियों में आने से रोका जा सकेगा।

इन जिलों में पालेंगे मधुमक्खी

इस योजना के मुताबिक सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, डिंडौरी और मंडला के गांवों में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दिया जाएगा। पिछले कई सालों से इन जिलों में हाथी आते रहते हैं। ऐसे में लोगों की जान पर बन आती है। हाथियों के लिए भी यहां खतरा बना रहता है। करंट और ट्रेन की चपेट में आने से हाथी भी मारे जाते हैं। नई योजना से न केवल फसलों की रक्षा होगी, बल्कि लोगों और हाथियों की जान भी सुरक्षित रहेगी।

संयम और समझ की जरूरत

मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जे एस चौहान का कहना है कि हाथियों के बारे में थोड़ी-सी समझ और संयम से लोग जान-माल के नुकसान से काफी हद तक बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि हाथियों को भगाने के लिए चमकदार रोशनी, पटाखे, सायरन जैसे माध्यमों से की जानी चाहिए। रबर बुलेट और मिर्च पड़े कंडों को जलाकर भी हाथियों को भगाया जा सकता है। इसके अलावा, मधुमक्खियों की आवाज से भी हाथियों को भगाया जा सकता है।

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