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इंदौर कांग्रेस में सन्नाटा, 3 घंटे में हो गया “खेला” : अक्षय कांति बम ने वापस लिया नामांकन, BJP में हुए शामिल

इंदौर, हेमंत नागले। मध्य प्रदेश के इंदौर में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नामांकन वापस ले लिया है। सोमवार (29 अप्रैल) सुबह भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ कलेक्टर कार्यालय जाकर उन्होंने नामांकन वापस लिया। वहीं वे भाजपा में शामिल हो गए हैं, भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने पोस्ट शेयर कर किया स्वागत।

कांग्रेसी में सन्नाटा, 3 घंटे में हो गया “खेला”

अक्षय बम के नामांकन वापस लेने के बाद कांग्रेस नगर अध्यक्ष सुरजीत चड्ढा ने आपात बैठक बुलाई। सुरजीत ने मीडिया के सामने दावा किया कि अक्षय रविवार देर रात तक विधानसभा क्रमांक 3 में और आज सुबह से सब्जी मंडी में प्रचार कर रहे थे। ऐसे में अचानक उनके फॉर्म वापस लेने की खबरें आना शुरू हुईं तो कांग्रेसी खुद हैरत में पड़ गए। कांग्रेस के कई नेता अक्षय बम के घर पहुंचे, यहां भारी पुलिस फोर्स लगा था और घर पर ताला लटका था। कांग्रेस को समझ नहीं आ रहा कि आखिर सुबह 7 से 10 के बीच महज 3 घंटे में ऐसा क्या हो गया कि अक्षय ने पार्टी को धोखा दे दिया। सुरजीत का दावा है कि अक्षय कांति बम की किसी दुखती नस को बीजेपी ने दबा लिया। हालांकि चड्ढा कहते हैं कि अगर अक्षय को यह कदम उठाना ही था तो नैतिकता के नाते कांग्रेस से टिकट ही नहीं मांगना था।

ये है पर्दे के पीछे की 2 कहानी

बीजेपी ने एक बार फिर नामांकन वापसी के 1 दिन पहले ट्रंप कार्ड खेलते हुए कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय बम से नामांकन वापस करवा लिया। अक्षय कांति बम ने ऐसा क्यों किया इसके पीछे कई कारण गिनाए जा रहे हैं। हालांकि इसके पीछे सबसे अहम वजह जमीन के खेल को ही माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक अक्षय के पिता कांति बम कुछ साल पहले भंडारी मिल में अकाउंटेंट थे। उनके अकाउंटेंट रहते हुए भंडारी मिल की करोड़ों की जमीन पर न्यू सियागंज बसाया गया। इस केस में भी कागजों पर धोखाधड़ी करके करोड़ों रुपए की बेशकीमती जमीन बेची गई। सूत्रों के मुताबिक भंडारी मिल आज भी कागजों पर जिंदा है कांति बम अब भी साल के लाखों रुपए कोलकाता के मिल मालिकों से लेते हैं। भंडारी मिल का यही मामला बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं के संज्ञान में आया। उन्होंने नामांकन वापस लेने से एक दिन पहले शाम को चेतावनी भरे अंदाज में समझाया। इसके बाद की कहानी तो सभी को मालूम है।

हत्या के प्रयास का मामला भी हो सकता है वजह

इसके अलावा अक्षय के नामांकन वापसी को 17 साल पुराने हत्या के प्रयास के एक केस में सुनवाई से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने दावा किया था कि अक्षय को इस केस में सीधे कोर्ट से ही जेल बी भेजा जा सकता है। कुछ का कहना है कि इस केस को लेकर भी अक्षय बैकफुट पर आए और भाजपा में शामिल हो गए।

रमेश मेंदोला ने शेयर किया पोस्ट

अक्षय कांति बम के नामांकन वापस लेने के बाद विधायक रमेश मेंदोला ने सोशल मीडिया पर तीन पोस्ट शेयर किए हैं। एक पोस्ट में उन्होंने लिखा- इंदौर में कांग्रेस के इंदौर के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम जी एक परिवार की पार्टी छोड़कर मोदीजी के परिवार में शामिल हो रहें है। वहीं अन्य दो में कमल के फूल के साछ इंदौर लिखा है।

कैलाश विजयवर्गीय ने किया स्वागत

मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा कि इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम का भाजपा में स्वागत है। इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी श्री अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है।

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