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अमेरिका ने विदेशी मदद पर लगाई रोक, इजराइल और मिस्र को मिली छूट, गरीब देशों और स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर पड़ सकता है बड़ा असर

वॉशिंगटन। अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार से विदेशी देशों को मिलने वाली सभी प्रकार की आर्थिक सहायता पर अस्थायी रोक लगा दी है। हालांकि, इस फैसले में इजराइल, मिस्र और वर्ल्ड फूड प्रोग्राम को छूट दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में सभी अधिकारियों और दूतावासों को नोटिस जारी कर दिया है।

यह कदम राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद जारी किए गए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर का हिस्सा है, जिसमें विदेश नीति की समीक्षा होने तक 90 दिनों तक विदेशी सहायता पर रोक लगाने की बात कही गई थी।

गरीब देशों की स्वास्थ्य और विकास योजनाओं पर खतरा

अमेरिका के इस फैसले का सीधा असर उन विकासशील और गरीब देशों पर पड़ेगा, जो अमेरिकी सहायता के जरिए स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसे क्षेत्रों में प्रगति कर रहे थे। खासतौर पर स्वास्थ्य से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स जैसे आपातकालीन मातृ देखभाल, बच्चों के टीकाकरण और स्कूल सहायता योजनाओं के बंद होने का खतरा मंडरा रहा है।

अमेरिकी सहायता से दुनिया के कई हिस्सों में चल रही परियोजनाओं को फंड मिलता है। ऐसे में इस फैसले के चलते दुनियाभर में विकास, रोजगार और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में रुकावटें आ सकती हैं।

यूक्रेन पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर

विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले का सबसे गहरा असर यूक्रेन पर होगा। पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में यूक्रेन को रूस से लड़ने के लिए अरबों डॉलर की सैन्य सहायता मिली थी। साल 2023 में अमेरिका ने यूक्रेन को 17.2 बिलियन डॉलर (1.4 लाख करोड़ रुपए) की मदद दी थी।

यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के एक अधिकारी ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि यूक्रेन में चल रहे सभी प्रोजेक्ट्स को बंद करने का आदेश दिया गया है। इनमें स्कूलों को सहायता, स्वास्थ्य सेवाएं और बच्चों के टीकाकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम भी शामिल हैं।

इजराइल और मिस्र को क्यों मिली छूट

इजराइल और मिस्र को इस आदेश से बाहर रखा गया है क्योंकि ये दोनों देश अमेरिका के लिए रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं। इजराइल को 2023 में अमेरिका से 3.3 बिलियन डॉलर (28 हजार करोड़ रुपए) की सहायता मिली थी, जबकि मिस्र को 1.3 बिलियन डॉलर (11 हजार करोड़ रुपए) का फंड मिला था।

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