Shivani Gupta
16 Sep 2025
Shivani Gupta
15 Sep 2025
म्यूनिख। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने डोनाल्ड ट्रंप के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने युद्ध में मदद करने के ऐवज में यूक्रेन के 50% खनिज संसाधनों पर अधिकार मांगा था। दरअसल, अमेरिका में जब तक बाइडन प्रशासन काम कर रहा था, तब तक यूक्रेन को बिना ज्यादा किसी परेशानी के मदद मिल रही थी, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप शपथ ग्रहण के पहले से ही इस युद्ध के खिलाफ हैं। उन्होंने कई बार यूक्रेन को दी जाने वाली मदद को खत्म करने की बात कही थी। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने इस प्रस्ताव के बारे में कुछ नहीं बताया, लेकिन कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा यूक्रेन को दिए गए उत्कृष्ट अवसर के बारे में राष्ट्रपति जेलेंस्की का रुख अदूरदर्शी है।
यूक्रेन ने मांगी मजबूत सुरक्षा गारंटी : मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जेलेंस्की ऐसे किसी भी प्रस्ताव पर विचार करने से पहले एक मजबूत सुरक्षा गारंटी के साथ समझौते की मांग कर रहे हैं। जेलेंस्की ऐसे सौदे को करने से पहले भविष्य की सुरक्षा प्रतिबद्धताओं को भी शामिल करना चाहते हैं, जिसके लिए अमेरिका की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं आया है।
दो हफ्ते पहले ट्रंप प्रशासन की तरफ से ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने यूक्रेन के सामने यह प्रस्ताव रखा था। हालांकि इस प्रस्ताव में भविष्य की किसी भी योजना का कोई जिक्र नहीं था। अगर यह समझौता हो जाता है तो इससे संयुक्त राज्य अमेरिका को ग्रेफाइट, लिथियम और यूरेनियम समेत यूक्रेन के 50 फीसदी संसाधनों पर अधिकार मिल जाएगा।
एक यूक्रेनी अधिकारी और एक ऊर्जा विशेषज्ञ ने प्रस्ताव पर जानकारी देते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन न केवल यूक्रेन के खनिजों बल्कि तेल और गैस सहित अतिरिक्त प्राकृतिक संसाधनों की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा, यह प्रस्ताव अमेरिका को यूक्रेन की संसाधन आय के आधे हिस्से का हकदार बना देगा। यह वही पैसा है, जिसका उपयोग हम वर्तमान में अपने सैन्य और रक्षा उत्पादन को बढ़ाने में करते हैं। यूक्रेन में महत्वपूर्ण खनिजों के विशाल भंडार हैं, जिनका उपयोग एयरोस्पेस, रक्षा और परमाणु उद्योगों में किया जाता है। ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिया है कि चीन पर निर्भरता कम करने के लिए यूक्रेन के खनिजों में उसकी रुचि है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने अमेरिकी राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा प्रशासन (एनएनएसए) के 300 से अधिक कर्मचारियों को निकाल दिया है। मीडिया रिपोर्ट में कहा कि यह छंटनी गुरुवार रात को हुई। बर्खास्त किए गए लोगों में प्रमुख सुविधाओं पर काम करने वाले कर्मचारी भी शामिल हैं, जिनमें परमाणु हथियार बनाने और निरीक्षण करने वाले ठेकेदारों की देखरेख करने वाले कर्मचारी भी शामिल हैं, साथ ही परमाणु हथियार बनाने वाले ठेकेदारों के लिए दिशा-निर्देश तय करने वाले कर्मचारी भी शामिल हैं। इस बीच ऊर्जा विभाग के एक प्रवक्ता ने नौकरी से निकाले गए लोगों की संख्या पर विवाद करते हुए कहा कि 50 से भी कम लोगों, जिनमें से ज्यादातर प्रशासनिक और लिपिकीय भूमिका में थे, को नौकरी से निकाला गया है।