Peoples Reporter
5 Nov 2025
नई दिल्ली। 12 जून को अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया विमान हादसे को लेकर उठ रही मीडिया रिपोर्टों पर केंद्र सरकार ने स्पष्ट रुख अपनाया है। सिविल एविएशन मिनिस्टर राममोहन नायडू ने विदेशी मीडिया की रिपोर्ट्स को जल्दबाजी भरी और स्वार्थ से प्रेरित बताया है। उन्होंने सभी से आग्रह किया है कि जब तक एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की फाइनल रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक कोई निष्कर्ष न निकाला जाए।
इस हादसे में 260 लोगों की जान गई थी, जो हाल के वर्षों में भारत का सबसे बड़ा एविएशन हादसा बन गया है।
अमेरिकी मीडिया हाउस वॉल स्ट्रीट जर्नल ने 17 जुलाई को एक रिपोर्ट में दावा किया कि विमान के पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल ने उड़ान के दौरान दोनों इंजनों में ईंधन की आपूर्ति बंद कर दी थी, जिससे यह भीषण हादसा हुआ। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नायडू ने कहा, “ये रिपोर्ट्स अटकलों पर आधारित हैं। जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए।”
मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि पहली बार भारत में ही दुर्घटनाग्रस्त विमान के ब्लैक बॉक्स का डिकोडिंग सफलतापूर्वक किया गया है। इससे पहले हर बार डेटा विश्लेषण के लिए विदेश भेजना पड़ता था। इस तकनीकी आत्मनिर्भरता को सरकार ने बड़ी उपलब्धि बताया है।
AAIB के अधिकारियों के अनुसार, हादसे में विमान का पिछला हिस्सा, जिसे एम्पेनेज या टेल असेंबली कहा जाता है, वह मुख्य रूप से आग से बच गया था। इसी हिस्से से कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जो संकेत देते हैं कि हादसे की जड़ में इलेक्ट्रिकल फॉल्ट हो सकता है।
विशेष रूप से जांच के दायरे में ऑक्सिलरी पावर यूनिट (APU), स्टेबलाइजर ट्रांसड्यूसर और रडर मैकेनिज्म जैसे हिस्से हैं। इन सभी को फिलहाल अहमदाबाद के विशेष सुविधा केंद्र में सुरक्षित रखकर फॉरेंसिक जांच की जा रही है।
मंत्री नायडू ने साफ शब्दों में कहा, “हम अफवाहों और मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर निर्णय नहीं ले सकते। रिपोर्ट जो कहेगी, वही अंतिम होगा। AAIB को जांच का पूरा दायरा, समय और भरोसा देना होगा।”