Naresh Bhagoria
6 Nov 2025
कार्तिक माह के समाप्त होते ही मार्गशीर्ष मास की पवित्र शुरुआत होती है। इस साल इसका शुभारंभ 6 नवंबर गुरुवार से हो रहा है। इसे अगहन मास भी कहा जाता है, यह महीना मन को शांति और आत्मा को दिशा देता है। मान्यता है कि जो इस मास में श्रद्धा से भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करता है, उसके जीवन में भक्ति, समृद्धि और मोक्ष तीनों का संगम होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष माह भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है। श्रीमद्भगवद्गीता में स्वयं भगवान ने कहा है- 'मासानां मार्गशीर्षोऽहम्' अर्थात् सभी महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। इसलिए यह महीना भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप माना गया है। इस दौरान उनकी पूजा और मंत्रजाप से मनोकामनाओं की पूर्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मार्गशीर्ष मास में कुछ खास धार्मिक कार्यों का बड़ा महत्व बताया गया है-
यह महीना न सिर्फ भगवान श्रीकृष्ण की उपासना का काल है, बल्कि यह आध्यात्मिक जागरण और पुण्य प्राप्ति का अवसर भी देता है। श्रद्धा और भक्ति के साथ इस माह में पूजा-पाठ करने से भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की कृपा सहज ही प्राप्त होती है और जीवन में शांति, समृद्धि तथा सफलता का मार्ग खुलता है।