इंदौर/भोपाल। मध्य प्रदेश एटीएस ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। सरकार के खिलाफ साजिश रचने और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया है। पीएफआई के दो सदस्यों को शनिवार को भोपाल में गिरफ्तार किया गया, जबकि तीसरे को औरंगाबाद (महाराष्ट्र) से पेशी वारंट पर लाने के बाद गिरफ्तार किया गया। वहीं इन आरोपियों का इंदौर में गिरफ्तार युवती से तार जुड़े होने का शक है।
तीनों आरोपियों की पहचान धार जिले के गुलाम रसूल शाह (37), साजिद खान उर्फ गुलाम नबी (56) निवासी इंदौर और परवेज खान (30) निवासी औरंगाबाद के रूप में हुई है। इनमें से परवेज खान औरंगाबाद की एक जेल में था और उसे शनिवार को प्रोडक्शन वारंट पर भोपाल लाया गया था।
आरोपियों का बिहार और UP से कनेक्शन
PFI प्रतिबंधित होने के बाद ATS लगातार सदस्य को पकड़ रहा है। पकड़े हुए सदस्य लोगों को PFI की विचारधारा से जोड़ने का काम कर रहे थे। इनके खिलाफ देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप हैं। गिरफ्तार साजिद और रसूल संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ सीधे संपर्क में थे। आरोपी गुपचुप तरीक से PFI के लिए बड़ी रणनीति बना रहा था। आरोपियों के मोबाइल से अन्य साथियों की जानकारी भी जुटाई गई है। मोबाइल से कुछ नंबर मिले हैं, जिनका बिहार और UP से कनेक्शन बताया जा रहा है।
सोनू मंसूरी से तार जुड़े होने का शक
सूत्रों के मुताबिक, PFI के तार इंदौर कोर्ट में पकड़ी गई युवती सोनू मंसूरी से भी बताए गए है। युवती को जिला कोर्ट में बजरंग दल कार्यकर्ताओं की पेशी के दौरान वीडियो बनाए जाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल, पुलिस मामले में पूछताछ कर रही है। संगठन की विचारधारा से जोड़ने युवाओं के ब्रेनवॉश करने की तलाश में सदस्य थे।
जांच के लिए SIT गठित
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कमिश्नर हरीनारायण चारी मिश्र ने एसआईटी का गठन किया है। जिसमें महिला ACP पूर्ति तिवारी, एसआई टीना शुक्ला, एसआई शुभम पांडे, एसआई राकेश चौधरी, आरक्षक विकास मचानिया और अमित मोदी शामिल हैं।
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सही जवाब नहीं दे रही सोनू मंसूरी
पुलिस की मानें तो इस मामले में गिरफ्तार की गई सोनू मंसूरी सवालों के सही जवाब नहीं दे रही है। वह पुलिस के पूछे गए सवालों पर टालमटोल कर रही है। वह 4 फरवरी 2023 तक रिमांड पर है। प्रथम दृष्टया जांच में पता चला था कि सोनू मंसूरी को नूरजहां नामक एक महिला वकील ने कोर्ट रूम की सुनवाई का वीडियो बनाने के लिए भेजा था। वह 28 जनवरी से फरार बताई जा रही है। सोनू मंसूरी ने पुलिस को बताया था कि नूरजहां का बेटा एक निजी अस्पताल में भर्ती है। यहां पुलिस पहुंची तो नूरजहां का ससुर मोहम्मद यूसुफ मिला। उससे पूछताछ करने पर जानकारी लगी कि 28 जनवरी को आखिरी बार उसकी नूरजहां से बात हुई थी। उसने बताया था कि वह बाहर जा रही है। इसके बाद नूरजहां और उसका पति असद फरार हैं।
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एटीएस और इंटेलिजेंस ने की सोनू से पूछताछ
इस मामले में पीएफआई की भूमिका सामने आने के बाद 31 जनवरी 2023 को एटीएस और इंटेलिजेंस टीम ने भी सोनू मंसूरी से पूछताछ की। जहां पूरे मामले में फरार नूरजहां के बारे में सोनू ने जानकारी देते हुए बताया कि वह आनंद अपार्टमेंट अनूप नगर में रहती है। जहां सूचना के बाद पुलिस पहुंची, लेकिन ताला मिलने के बाद पुलिस ने नूरजहां के फ्लैट पर नोटिस चस्पा किया। पूरे मामले में टीआई एमजी रोड का कहना था कि बुधवार को सोनू मंसूरी को फिर कोर्ट के समीप पेश किया जाएगा। जिसके बाद पुलिस दोबारा रिमांड लेगी वही बयानों में विरोधाभास होने के बाद पुलिस की शक की सुई कई बार नूरजहां और सोनू का गहरा रही है।
सोनू ने बताया था कि नूरजहां ने उससे कहा था कि एक चेक बाउंस का मामला कोर्ट में चल रहा है। मेरा एक ग्राहक 32 नंबर कोर्ट के पीछे रुपए लेकर खड़ा है। तुम जाओ और उससे रुपए लेकर आ जाओ सोनू के पास जो रुपए जब्त हुए थे। वह वहीं रुपए होना बता रही है, वहीं नूरजहां ने यह रुपए लेकर उसे अस्पताल बुलवाया था। जहां उसके बेटे का उपचार चल रहा है, पुलिस इस बिंदु पर भी आगे की जांच कर रही है।
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क्या है मामला
25 जनवरी को पठान फिल्म की रिलीज के दौरान इंदौर शहर में हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान हुई घटनाओं में बजरंग दल के पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। जब इन्हें कोर्ट मेंं पेश किया गया तो एक संदिग्ध महिला सोनू मंसूरी इनकी रिकॉर्डिंग करती पाई गई। उसे पकड़ा गया तो पता चला कि उसने कई वीडियो रिकॉर्ड करने के साथ ही फोटो भी लिए थे। उसने पुलिस को बताया कि महिला अधिवक्ता नूरजहां खान के कहने पर उसने यह काम किया। यह वीडियो इस्लामिक पॉलिटिकल ऑर्गेनाइजेशन पीएफआई को भेजे जाने थे। सोनू मंसूरी के पास से 1.26 लाख रुपए बरामद हुए थे।
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