पीपुल्स संवाददाता, इंदौर। क्राइम ब्रांच ने फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट बनाने का पर्दाफाश करके एक युवक को गिरफ्तार किया है। युवक पांच साल से इस धंधे में लिप्त है। वह अब तक साढ़े पांच सौ से अधिक मार्कशीट बेचकर एक करोड़ से अधिक की राशि कमा चुका है। उसके कब्जे से सात मॉनिटर, छह सीपीयू, दो प्रिंटर, 14 फर्जी सर्टिफिकेट, 50 मार्कशीट के कोरे कागज व मोबाइल जब्त किया है।
क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि तिलकनगर क्षेत्र में युवक पैसे लेकर फर्जी मार्कशीट व सर्टिफिकेट बनाने का काम करता है। सूचना पर पुलिस ने वहां से सतीश पिता उमाशंकर गोस्वामी निवासी व्यासपाला जूनी इंदौर को पकड़ा। पूछताछ में उसने बताया कि वह महाराष्ट्र बोर्ड ऑफ हायर सेकंडरी एजुकेशन, राजस्थान बोर्ड, विलियम केरी यूनिवर्सिटी, मेवाड़ यूनिवर्सिटी, सनराइस यूनिवर्सिटी, शंघाई यूनिवर्सिटी, डीआरसीबी रमन यूनिवर्सिटी, ओपीजीएस यूनिवर्सिटी, एसआरके यूनिवर्सिटी, आईसेक्ट यूनिवर्सिटी, आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी आदि के फर्जी सर्टिफिकेट बनाता है। इसके एवज में छात्रों से मोटी रकम वसूलता है।
कई छात्रों को 10वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन की फर्जी मार्कशीट भी तैयार कर दे चुका है। आरोपी ने बताया, उसने अब तक 554 लोगों को फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर उनसे करीब 1.5 करोड़ रुपए कमा लिए हैं।
साथियों और अन्य जानकारी लेना का प्रयास
पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है कि उसने किन-किन लोगों को मार्कशीट बनाकर दी है। आरोपी और उसके साथियों व संस्था से जुड़े लोगों की जानकारी हासिल की जा रही है। साथ ही, इतनी मार्कशीट का उपयोग किस तरह के कामों में किया गया है, इसे लेकर भी पूछताछ की जा रही है।