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पीड़ित को न्याय मिले यही हमारी प्राथमिकता

सिद्धार्थ तिवारी जबलपुर। अपराध होने के बाद तत्काल मौके पर पहुंचकर वहां बारीकी से जांच की जाए तो अपराधी के खिलाफ कुछ न कुछ सबूत जरूर मिलता है। वह एक सबूत ही अपराधी तक पहुंचाने में सबसे बड़ा सुराग होता है। हम बात कर रहे हैं पेचीदे मामलों का खुलासा करने की महारत रखने वाले गोहलपुर सीएसपी अखिलेश गौर की। उनके क्षेत्र में सबसे अधिक संवेदनशील इलाके हैं, लेकिन वह अपराधियों पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं। उनकी इस कार्य करने के तरीके से वह वरिष्ठ अधिकारियों के काफी विश्वसनीय हैं।

सीएसपी गौर ने पीपुल्स समाचार से बातचीत के दौरान अपने अनुभव बताए। वे सन् 2017 में पुलिस विभाग में आए और फिर सीएसपी गोहलपुर के पद पर पदस्थ हुए।

उन्होंने बताया ऐसे कई मामले हैं, जिनको सुलझाने के बाद मन को शांति मिली और मामले में अच्छी विवेचना कर पीड़ित को न्याय भी दिलाया। इसमें बरगी थाना क्षेत्र में एक मामला सितंबर 2020 मासूम का अपहरण हो गया था। बच्चे के बारे में कुछ पता नहीं चल रहा था, इसके लिए एसआईटी भी गठित की गई थी। उनके नेतृत्व में भी टीम गठित की गई थी। टीम ने मामले में जांच शुरू की, जिसमें पता चला कि मासूम के गायब होने के पीछे उसके परिजन का ही हाथ है, जांच में पता चला कि उसकी दादी ने ही उसे बेचा है, उसे खरीदने वाले उसे मुम्बई बेचने ले जा रहे थे। जिसके बाद टीम के साथ वह आरोपियों तक पहुंचे और बच्चे को सुरक्षित बचाया था।

तकनीक का उपयोग कर अपराधियों पर रोक लगाना है प्राथमिकता

सीएसपी अखिलेश गौर ने बताया कि अपराध के तरीके लगातार हाईटैक होते जा रहे हैं, इसमें धोखाधड़ी और साइबर के अपराध बढ़ रहे हैं। इन अपराधों पर रोक लगाना पहली प्राथमिकता है, जिसके लिए पुलिस विभाग में टेक्नोलॉजी को बेहतर करना होगा। ताकि साइबर के अपराधों पर तेजी से रोक लगाई जा सके।

स्पेशल टीम बनाकर कार्य करने से कर्मचारियों को मिल सकता है रेस्ट

कर्मचारी लगातार काम में व्यस्थ रहते हैं। इससे वह टाइम मैनेजमेंट भी नहीं कर पाते। इसके लिए अच्छी व्यवस्था बनाने के लिए स्पेशल टीम बनाना होगा। इसमें जो कर्मचारी जिस विधा में माहिर है उसे उस विधा का कार्य देना होगा। इसमें साइबर, फील्ड, अपराध विवेचना, लॉ एंड ऑर्डर जैसे कार्य उनके विशेषज्ञों को देना होगा। जिससे वह कार्य भी अच्छे से कर पाएंगे और हर कार्य समय पर होगा। वहीं जो अपराध विवेचना और लॉ एडं ऑर्डर की ड्यूटी करने वालों को अलग- अलग रखना होगा। जिसमें दोनों को काम में कोई बाधा नहीं हो। इससे कर्मचारियों का काम भी जल्द होगा और उनको रेस्ट करने का भी समय मिलेगा।

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