
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने शनिवार को PSLV-C54 मिशन को लॉन्च किया। शनिवार सुबह 11.56 बजे तमिलनाडु के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसने उड़ान भरी। इसके तहत 9 सैटेलाइट्स पृथ्वी की कक्षा में भेजे गए हैं।
OceanSat-3 सैटेलाइट हुआ लॉन्च
इनमें OceanSat-3 सैटेलाइट भी शामिल है, जो समुद्र के विज्ञान और वायुमंडल की स्टडी करेगा। यह OceanSat सीरीज का तीसरी जनरेशन का अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS) है। OceanSat-3 समुद्री सतह के तापमान, क्लोरोफिल, फाइटोप्लैंकटॉन, एयरोसोल और प्रदूषण की भी जांच करेगा।
यह पृथ्वी के मौसम का पूर्वानुमान भी लगा सकता है, जिसकी मदद से देश में चक्रवात और तूफान जैसी आपदाओं से निपटने के लिए पहले से तैयारी की जा सकेगी। यह 1000 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट है।
LAUNCH! ISRO's PSLV rocket launches with the EOS-06 spacecraft from the Satish Dhawan Space Centre.
Overview:https://t.co/HOyGjgMISW – by William Graham (@w_d_graham)
Livestream:https://t.co/zgp7t4WrY3 pic.twitter.com/w6vDvqTvIL
— Chris Bergin – NSF (@NASASpaceflight) November 26, 2022
भूटान का सैटेलाइट
रॉकेट ने 321 टन भार के साथ उड़ान भरी है। इसमें 7 कस्टमर सैटेलाइट्स, एक OceanSat-3 नेशनल सैटेलाइट और भूटान के साथ मिलकर बनाया गया एक डिप्लोमैटिक सैटेलाइट है।
भूटानसैट (BhutanSat aka INS-2B) यानी इंडिया-भूटान का ज्वाइंट सैटेलाइट है, जो एक टेक्नोलॉजी डिमॉन्सट्रेटर है। भारत ने इसके लिए भूटान को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की है। भूटानसैट में रिमोट सेंसिंग कैमरा लगे हैं, जो जमीन की जानकारी देगा। रेलवे ट्रैक बनाने, ब्रिज बनाने जैसे विकास संबंधी कार्यों में मदद करेगा।