
भोपाल। यौन अपराधियों के खिलाफ जीरो टालरेंस अपनाते हुए बीते दस साल की हिस्ट्री खंगाली जाएगी, जिसमें संदिग्ध मिलने वालों की खैर नहीं होगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का सख्ती से स्कूलों से पालन करवाया जाएगा। यह कडे निर्देश शुक्रवार को डीजीपी सुधीर सक्सेना ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्रदेश में यौन अपराधों की प्रभावी रोकथाम, यौन अपराधियों की सघन जांच और कड़ी सजा दिलाने के लिए कार्रवाई के लिए सभी पुलिस अधीक्षकों को दिए। वीसी में सभी जोनल आईजी, एडीजी भोपाल एवं इंदौर कमिश्नरेट के आयुक्त, सभी जिलों के एसपी तथा इंदौर और भोपाल के पुलिस उपायुक्त मौजूद थे।
वीसी में स्पेशल डीजी प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव, एडीजी चंचल शेखर, पवन श्रीवास्तव, आईजी डॉ. आशीष, अंशुमान सिंह, हिमानी खन्ना सहित अन्य अधिकारी थे। डीजीपी ने निर्देशित किया कि आज से लैगिंक अपराधों में संलिप्त रहे लोगों के विरुद्ध अभियान चलाकर सघन जांच एवं निगरानी सुनिश्चित करें। पुलिस के विभिन्न डाटा बेस से एक से अधिक बार इस तरह के अपराध को अंजाम देने वालों की जानकारी लेकर थाने को जानकारी दें।
यह निर्देश भी दिए
- प्रदेश के सभी स्कूलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षा के संबंध में जारी गाइडलाइन का पालन करवाया जाए। स्कूलों के समस्त स्टॉफ का पुलिस वरिफिकेशन अनिवार्यत: कराया जाए। स्कूल परिसर के आसपास के लोगों तथा रास्तों पर भी सजग चौकसी रहे। परिसर, वाहनों में सीसीटीवी कैमरों का चालू रहना पुख्ता हो।
- जिला प्रशासन, नगरीय एवं ग्रामीण निकायों से समन्वय करके ब्लैक स्पॉट्स की समीक्षा करके उन जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगवाएं, ड्रिंक एंड ड्राइव पर सख्त कार्रवाई करें।
- अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए समाज की सक्रिय सहभागिता के लिए पुलिस आमजन से संवाद कायम रखे। हाउसिंग सोसायटी, मल्टी स्टोरीज में महिला, बाल सुरक्षा पर डार्क स्पॉट की पहचान करके किराएदार, नौकर, अस्थायी कर्मचारी का चरित्र सत्यापन भी अनिवार्यत: कराएं।
- नवरात्रि में गरबा स्थल पर विशेष पेट्रोंलिंग, ड्रोन कैमरों से निगरानी, वीडियोग्राफी के साथ ही महिलाओं के घर पहुंचने तक निगरानी रखें।