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सौरव गांगुली ने जताई टीम इंडिया के कोच बनने की इच्छा, बोले- अब मेरे पास समय है; राजनीति में आने से किया इनकार

नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष रह चुके सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच बनने की इच्छा जाहिर की है। गांगुली ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि वे अब इस जिम्मेदारी के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने मौजूदा कोच गौतम गंभीर के काम की भी सराहना की।

गांगुली बोले- अब मेरे पास समय, टीम का कोच बनने को तैयार हूं

गांगुली ने कहा, “मैंने क्रिकेट के बाद कई भूमिकाएं निभाईं। बंगाल क्रिकेट संघ (CAB) का अध्यक्ष बना, फिर बीसीसीआई अध्यक्ष। लेकिन कोचिंग के लिए मेरे पास समय नहीं था। अब मैं 50 साल का हूं और अगर मौका मिला तो भारतीय टीम का कोच बनने के लिए तैयार हूं। देखते हैं भविष्य में क्या होता है।”

उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट सीरीज खेल रही है और कोचिंग को लेकर चर्चाएं गर्म हैं।

गंभीर अच्छा कर रहे हैं काम- गांगुली

गांगुली ने मौजूदा कोच गौतम गंभीर की तारीफ करते हुए कहा, “गौतम ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ भले ही धीमी शुरुआत की हो, लेकिन उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर शानदार वापसी की। यह इंग्लैंड दौरा उनके लिए बड़ी परीक्षा है और वह अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।”

गंभीर ने जुलाई 2024 में राहुल द्रविड़ की जगह टीम इंडिया के कोच का पद संभाला था। उनका कार्यकाल जुलाई 2027 तक है।

राजनीति से दूर रहेंगे गांगुली

राजनीति में आने के सवाल पर गांगुली ने दो टूक कहा, “मेरा राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है। मैंने हमेशा खेल और क्रिकेट प्रशासन को ही प्राथमिकता दी है।”

गौरतलब है कि बीते कुछ सालों में गांगुली के राजनीति में आने की चर्चाएं होती रही हैं, लेकिन उन्होंने अब इस पर पूर्णविराम लगा दिया है।

शानदार रहा गांगुली का क्रिकेट करियर

सौरव गांगुली ने 1992 में वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे और 1996 में इंग्लैंड के लॉर्ड्स मैदान पर टेस्ट डेब्यू किया था। टेस्ट डेब्यू में ही उन्होंने 131 रन की पारी खेली थी। उन्होंने 113 टेस्ट में में 7,212 रन (16 शतक) और 311 वनडे में 11,363 रन (22 शतक) बनाए। वनडे में उनका सर्वोच्च स्कोर 183 रन रहा।

वह साल 2000 में भारत के कप्तान बने और 2003 वर्ल्ड कप में टीम को फाइनल तक पहुंचाया। उनके अगुवाई में भारत ने विदेशों में कई ऐतिहासिक टेस्ट मैच जीते और 2002 में लॉर्ड्स में नेटवेस्ट ट्रॉफी पर कब्जा जमाया।

 

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