
Som Pradosh Vrat 2025। हिंदू पंचांग के अनुसार जून माह का अंतिम प्रदोष व्रत आज 23 जून 2025 को मनाया जा रहा है। यह व्रत त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है, जो 22 जून की रात 1:22 बजे शुरू हुई थी और 23 जून की रात 10:09 बजे तक रहेगी।
इस बार यह व्रत सोमवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है। खास बात यह है कि इस दिन मासिक शिवरात्रि, धृति योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है, जिससे इस व्रत का पुण्यफल कई गुना बढ़ गया है।
सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
प्रदोष काल पूजा का समय : शाम 7:22 बजे से रात 9:23 बजे तक
त्रयोदशी तिथि
- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ : 22 जून, रात 1:22 बजे से
- त्रयोदशी तिथि समाप्त : 23 जून, रात 10:09 बजे तक
जानें शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त : 04:04 एएम से 04:44 एएम
- प्रातः सन्ध्या : 04:24 एएम से 05:24 एएम
- अभिजित मुहूर्त : 11:55 एएम से 12:51 पीएम
- विजय मुहूर्त : 02:43 पीएम से 03:39 पीएम
- गोधूलि मुहूर्त : 07:21 पीएम से 07:41 पीएम
- सायाह्न सन्ध्या : 07:22 पीएम से 08:23 पीएम
- अमृत काल : 01:07 पीएम से 02:33 पीएम
- निशिता मुहूर्त : 12:03 एएम, 24 जून से 12:44 एएम, 24 जून
- सर्वार्थ सिद्धि योग : 03:16 पीएम से 05:25 एएम, 24 जून
व्रत का महत्व : क्यों रखें सोम प्रदोष व्रत?
- यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है।
- मान्यता है कि जो भक्त इस दिन श्रद्धा से व्रत करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
- यह व्रत करने से ग्रह दोष दूर होते हैं, मानसिक शांति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- खासकर सोम प्रदोष व्रत से स्वास्थ्य, संतान और धन संबंधित कष्टों से मुक्ति मिलती है।
सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठें, स्नान कर साफ वस्त्र पहनें।
- व्रत का संकल्प लें और भगवान शिव का ध्यान करें।
- शिवलिंग का जल, दूध और गंगाजल से अभिषेक करें।
- बेलपत्र, भस्म, धतूरा, सफेद चंदन, फूल, फल और मिठाई चढ़ाएं।
- शाम को प्रदोष काल में शिव-पार्वती की मूर्ति की स्थापना करें और विधिवत पूजन करें।
- ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
- प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें और शिव चालीसा पढ़ें।
- अंत में आरती करके भोग लगाएं।
सोम प्रदोष व्रत पर करें ये विशेष उपाय
- शिवलिंग पर तांबे के लोटे से शुद्ध जल अर्पित करें।
- दिन भर ॐ नमः शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- गरीबों को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा का दान करें।
- मन को शांत रखें, क्रोध और विवाद से बचें।
विशेष संयोग : बढ़ा व्रत का पुण्यफल
इस बार सोम प्रदोष व्रत पर मासिक शिवरात्रि, धृति योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का महासंयोग बन रहा है। यह योग भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। जो व्यक्ति इस दिन पूरी श्रद्धा से व्रत और पूजा करता है, उसे दोगुना फल और शिव कृपा प्राप्त होती है।
आज का दिन भगवान शिव की भक्ति में लीन होने का श्रेष्ठ अवसर है। सोम प्रदोष व्रत से जहां मन को शांति मिलती है, वहीं जीवन की सभी बाधाएं भी दूर होती हैं। इस पावन दिन पर श्रद्धा, संयम और नियमपूर्वक व्रत करें और भोलेनाथ की कृपा पाएं।
हर-हर महादेव!