Shivani Gupta
13 Oct 2025
मॉस्को। रविवार को यूक्रेन ने रूस के समुद्री तटवर्ती शहर सोची स्थित एक ऑयल डिपो को ड्रोन से निशाना बनाया। हमले के तुरंत बाद डिपो में भीषण आग लग गई, जिससे पूरे इलाके में घना काला धुआं फैल गया। क्रास्नोडार क्षेत्र के गवर्नर वेनियामिन कोंद्रात्येव के अनुसार, ड्रोन का मलबा तेल टैंक से टकराया, जिससे आग लगी। इस आग को काबू में करने के लिए 120 से ज्यादा दमकलकर्मी और आपातकालीन सेवाएं तैनात की गईं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में डिपो से उठते घने धुएं के गुबार और आग की लपटें साफ देखी जा सकती हैं। इसी दौरान दो रशियन युवतियों का एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें वे विस्फोट के बीच वीडियो बनाते हुए दिख रही हैं। उनके साथ एक युवक भी मौजूद था।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि शनिवार रात से रविवार सुबह तक रूस और ब्लैक सी क्षेत्र में यूक्रेन के कुल 93 ड्रोन मार गिराए गए। इसके बावजूद, वोरोनेज क्षेत्र में एक यूक्रेनी ड्रोन हमले में चार नागरिक घायल हो गए। उधर, यूक्रेनी वायुसेना के अनुसार, 2 अगस्त की रात को रूस ने यूक्रेन पर 76 ड्रोन और 7 मिसाइलें दागीं। इनमें से 60 ड्रोन और 1 मिसाइल को नष्ट कर दिया गया, जबकि बाकी 16 ड्रोन और 6 मिसाइलें यूक्रेन के आठ विभिन्न क्षेत्रों में गिरीं।
इसके पहले, 31 जुलाई को हुए रूसी मिसाइल और ड्रोन हमले में यूक्रेन के 31 नागरिकों की जान चली गई थी, जिनमें 5 बच्चे भी शामिल थे। इस हमले में 150 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि 8 अगस्त तक शांति वार्ता में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो रूस पर नए आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे।ट्रंप ने यह भी कहा कि रूसी काफी चालाक होते हैं, अक्सर प्रतिबंधों को चकमा दे देते हैं, देखते हैं क्या होता है। यह बयान रूस की संभावित रणनीति और प्रतिबंधों की प्रभावशीलता पर सवाल भी खड़ा करता है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार को बताया कि जुलाई में इस्तांबुल में हुई बैठक के बाद रूस और यूक्रेन के बीच 1200 युद्धबंदियों की अदला-बदली पर सहमति बनी है। यह समझौता दोनों देशों के बीच कुछ सकारात्मक संकेत जरूर देता है।
रूस के साउदर्न फेडरल यूनिवर्सिटी (SFU) के छात्रों ने एक वर्चुअल ट्रेनिंग सिमुलेटर विकसित किया है, जो एंटी-ड्रोन राइफल और ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम के साथ काम करने की ट्रेनिंग देता है। यह सिमुलेटर असली ड्रोन युद्ध जैसी परिस्थितियों में कार्य करना सिखाता है और तनावपूर्ण स्थितियों में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ाता है। इसका उद्देश्य सेना और सुरक्षा बलों को आधुनिक युद्ध तकनीकों में दक्ष बनाना है।
ये भी पढ़ें: इंदौर में 15 साल के छात्र ने की खुदकुशी, खिड़की पर फंदे से लटका मिला शव; इंस्टाग्राम चैट बना रहस्य