उज्जैन। ज्योतिष में माणिक्य को सूर्य का रत्न माना गया है। यह रत्न जन्म कुंडली में सूर्य के कमजोर होने और पीड़ित होने पर पहना जाता है। माणिक्य ऊर्जावान रत्न है। इसे धारण करने से कुंडली में सूर्य को बल मिलता है और पहनने वाले के व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन दिखने लगता है। माणिक्य गहरे गुलाबी या मरून रंग का होता है।
क्या करता है माणिक्य
- माणिक्य इच्छाशक्ति को बढ़ाता है, इससे सकारात्मक शक्ति मिलती है और इम्युनिटी बढ़ती है।
- माणिक्य पहनने वाले की सामाजिक प्रतिष्ठा, प्रसिद्धि बढ़ती है।
- माणिक्य पहनने वाले में प्रतिनिधित्व करने की शक्ति बढ़ती है, मैनेजरियल क्वालिटी भी बढ़ाता है।
- इस रत्न को पहनने वाला कठिन परिस्थितियों को मैनेज करने में सक्षम होता है।
- माणिक्य दबी हुई प्रतिभाएं उभारता है और व्यक्ति भय मुक्त प्रदर्शन कर पाता है।
इनको ठीक करने में भी मदद करता है : आंखों की समस्याओं, बाल झड़ने, दिल की बीमारियों और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं में माणिक्य अच्छे परिणाम देता है।
कौन पहने
उन्हीं लोगों को माणिक्य पहनना चाहिए जिनका सूर्य शुभ हो। इस रत्न को धारण करने से पहले ज्योतिषी से सलाह ले लें। मेष, सिंह, वृश्चिक और धनु लग्न के लोगों के लिए इसे धारण करना शुभ होता है। कर्क लग्न के लिए मध्यम फल देता है। मीन, मकर और कन्या लग्न के इसे पहनना हानिकारक होता है। इसे पूरे विधि विधान के साथ धारण करना चाहिए।