Shivani Gupta
13 Sep 2025
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपने माता-पिता के इंकार के बाद शादी के वादे से मुकरता है तो उसके खिलाफ दुष्कर्म का अपराध नहीं बनता। अपनी इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने 31 साल के आरोपी युवक को महिला से दुष्कर्म के केस में जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा, आरोपी ने झूठ बोलकर शारीरिक संबंध नहीं बनाए थे, बल्कि उसने केवल शादी के अपने वादे का उल्लंघन किया है।
एक महिला ने 2019 में नागपुर में एफआईआर दर्ज कराई थी कि वह एक व्यक्ति के साथ 2016 से रिश्ते में है। उसने आरोप लगाया कि युवक ने शादी का वादा कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। युवक की जब दूसरी जगह शादी तय हो गई तो उसने पुलिस में दुष्कर्म की शिकायत की।
केस में आरोपी युवक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि वह महिला से शादी करना चाहता था। महिला ने ही उसके प्रपोजल को ठुकरा दिया। युवक ने कोर्ट को बताया उसके मां-पिता ने शादी कराने से इंकार कर दिया। इसके बाद उसने दूसरी महिला से शादी करने के लिए हां कहा। कोर्ट ने कहा, पीड़िता वयस्क है और उसके द्वारा लगाए गए आरोप यह साबित नहीं करते कि आरोपी ने झूठा वादा कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। यह मामला वादा पूरा न करने का केस है।