vikrant gupta
8 Oct 2025
रायसेन के एक निजी स्कूल में नर्सरी के बच्चों को हिंदी की पट्टी में ‘क से काबा’, ‘म से मस्जिद’ और ‘न से नमाज’ जैसे शब्द पढ़ाए जाने को लेकर शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने स्कूल पहुंचकर नारेबाजी की और इस पर कड़ी आपत्ति जताई। मामला तब सामने आया जब एक छात्रा के परिजन ने इस पट्टी को देखा और इसकी जानकारी परिषद के कार्यकर्ताओं को दी।
शहर के वार्ड क्रमांक 2 स्थित बेबी कॉन्वेंट स्कूल की नर्सरी कक्षा में पढ़ने वाली एक बच्ची के चाचा ने पढ़ाई की सामग्री में बदलाव पर ध्यान दिया। पट्टी में ‘क से कबूतर’ की जगह ‘क से काबा’, ‘म से मछली’ की जगह ‘म से मस्जिद’ और ‘न से नल’ की जगह ‘न से नमाज’ लिखा था। इसके अलावा ‘औ से औरत’ में औरत को हिजाब पहने हुए दिखाया गया था। यह देखकर परिजनों ने आपत्ति जताई और इस बारे में विद्यार्थी परिषद को सूचना दी।
विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक अश्विनी पटेल के नेतृत्व में कार्यकर्ता स्कूल पहुंचे और नारेबाजी की। उन्होंने आरोप लगाया कि छोटे बच्चों को धार्मिक रूप से भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है और इसे सनातन व हिंदुत्व के खिलाफ षड्यंत्र बताया। अश्विनी पटेल ने कहा कि उन्होंने बचपन में क से कबूतर और म से मछली पढ़ा था, लेकिन यहां बच्चों को अलग तरह की शिक्षा दी जा रही है।
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स्कूल की प्रिंसिपल ई ए कुरैशी ने स्वीकार किया कि यह पट्टी पहले चेक नहीं की गई थी। उन्होंने बताया कि यह सामग्री भोपाल से मंगवाई गई थी और केवल एक ही प्रतिलिपि उपलब्ध थी। प्रिंसिपल ने यह भी कहा कि म से मंदिर के साथ म से मस्जिद भी पढ़ाया जा सकता है। इस बयान पर कार्यकर्ता और नाराज हो गए और उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से फोन पर बात कर स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की।
सूचना मिलने पर थाना कोतवाली प्रभारी नरेंद्र गोयल मौके पर पहुंचे और स्थिति को शांत कराया। उन्होंने विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं से कहा कि वे थाने और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में औपचारिक आवेदन दें, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।