
नई दिल्ली। राहुल गांधी ने लंदन में दिए गए अपने बयानों को लेकर सफाई दी है। विदेश मंत्रालय की कमेटी की मीटिंग में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि, उनका बयान एक व्यक्ति को लेकर था। किसी देश या सरकार को लेकर नहीं। राहुल ने कहा कि, जो मैंने भारत के लोकतंत्र के संबंध में कहा, उसमें किसी भी दूसरे देश को मैंने भारत के मामलों में दखल देने के लिए नहीं कहा है।
भाजपा और कांग्रेस सांसदों में हुई तीखी बहस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की G20 अध्यक्षता पर शनिवार (18 मार्च) को विदेश मंत्रालय ने पार्लियामेंट्री कंसल्टेटिव कमेटी की मीटिंग बुलाई थी। इस बैठक में राहुल गांधी और विपक्ष के तमाम नेता मौजूद थे। इसी दौरान राहुल गांधी ने यह बयान दिए। इस दौरान बीजेपी और विपक्ष के सांसदों के बीच तीखी बहस भी हुई।
Chaired the Parliamentary Consultative Committee for External Affairs on India’s G20 Presidency.
Thank members for their active participation. pic.twitter.com/3DW5HrR5zq
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 18, 2023
राहुल ने अपनी सफाई में क्या कहा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहुल ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने केवल देश में लोकतंत्र के हालात पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि- ‘मैंने यह कहा था कि यह हमारा आंतरिक मामला है और हम इसका हल निकालेंगे।’ केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि- ‘यह तो स्पष्ट है कि भारतीय लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। सरकार ED, CBI जैसे संस्थानों को हथियार के रूप में विपक्ष पर प्रयोग कर रही है।’
राहुल गांधी ने अडाणी औक हिंडनबर्ग के मामले पर भी अपनी बात रखते हुए कहा कि, हिंडनबर्ग रिपोर्ट भारत पर हमला नहीं था, यह एक बिजनेसमैन गौतम अडाणी और उनके वित्तीय लेनदेन के खिलाफ था। अडाणी भारत नहीं हैं।
राहुल ने ब्रिटेन में कही थी ये बात
कांग्रेस नेता राहुल गांधी पिछले दिनों ब्रिटेन दौरे पर गए थे। पत्रकारों के एक संघ के एक कार्यक्रम में राहुल ने कहा था कि अगर यूरोप से तीन या 4 गुना बड़े देश में लोकतंत्र खत्म हो जाता है, तो आप क्या प्रतिक्रिया देंगे। राहुल ने कहा- असल में भारत में ऐसा हो चुका है, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है। इसकी वजह यह है कि कारोबार और पैसे का मामला है। अमेरिका से आबादी में तीन से 4 गुना बड़े देश में लोकतंत्र समाप्त हो रहा है और इसकी रक्षा करने का दावा करने वाले अमेरिका और यूरोप चुपचाप देख रहे हैं। विपक्ष के तौर पर हम लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन यह अकेले भारत की जंग नहीं है। यह पूरे लोकतंत्र का एक संघर्ष है।