एम्स में कैंसर पीड़ितों का उपचार करवाने की पेश करो जानकारी : हाईकोर्ट
भोपाल गैस पीड़ित मामले में हाईकोर्ट के निर्देश
Publish Date: 16 Sep 2021, 10:58 PM (IST)Reading Time: 2 Minute Read
जबलपुर। भोपाल गैस त्रासदी मामले में मॉनिटरिंग कमेटी की तरफ से आवेदन पेश कर बताया गया कि भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर में कैंसर का उपचार उपलब्ध नहीं है। जिसके कारण कैंसर पीड़ितों पर दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। सरकार की तरफ से बताया गया कि कैंसर पीड़ित मरीजों का उपचार के संबंध में एम्स से चर्चा जारी है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक तथा जस्टिस व्हीके शुक्ला की युगलपीठ ने सरकार को निर्देशित किया है कि एम्स में कैंसर पीड़ितों के उपचार के संबंध में जानकारी पेश करें।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने साल 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन सहित अन्य की ओर से दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार व पुनर्वास के संबंध में 20 निर्देश जारी किए थे। इन बिंदुओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर मॉनिटरिंग कमेटी का गठित करने के निर्देश भी जारी किए थे। मॉनिटरिंग कमेटी को हर तीन माह में अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष पेश करने तथा रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश भी जारी किए थे। जिसके बाद उक्त याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई की जा रही थी।
अवमानना याचिका भी की गई दायर
याचिका के लंबित रहने के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसाओं का राज्य सरकार द्वारा परिपालन नहीं किए जाने के खिलाफ भी अवमानना याचिका दायर की गयी थी। दायर अवमानना में कहा गया था कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी निदेर्शों का परिपालन केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है। गैस त्रासदी के पीडित व्यक्तियों के हेल्थ कार्ड तक नहीं बने है।
त्रिमासिक रिपोर्ट की पेश
याचिका की सुनवाई के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा त्रिमासिक रिपोर्ट पेश की गयी। रिपोर्ट के साथ पेश किए गए आवेदन में बताया गया कि बीएमएचआरसी में कैंसर का उपचार उपलब्ध नहीं है। जिसके कारण कैंसर पीड़ितों को उपचार नहीं मिल रहा है। उन्हें निजी खर्ज पर उपचार करवाना पड़ रहा है।