जबलपुरमध्य प्रदेश

पुलिस ने वाहन चोरों के गिरोह का फर्दाफश किया, 125 दो पहिये वाहन जप्त किये गये

जबलपुर। जिले में बढ़ी वाहन चोरी की वारदातों को ध्यान में रखते हुए शातिर चोरों की तलाश में जुटी पुलिस ने प्रभावी कार्रवाई करते हुए शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है। चोरों के कब्जे से चोरी की 125 मोटरसाइकिल बरामद की गई हैं। पुलिस इनके गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाने में जुटी है। पुलिस गिरफ्त में आए चोरों में कुछ का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई से वाहन चोरी की वारदातों में अंकुश लगेगा। गिरफ्तार किए बदमाशों के बाकी साथियों और उनके नेटवर्क की छानबीन की जा रही है। पकड़े गए चोरों के संबंध में एडीजीपी उमेश जोगा, डीआईजी आरआरएस परिहार एवं तुषारकांत विद्यार्थी ने विस्तृत जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उमेश जोगा ने बताया कि वाहन चोरी की शिकायतें जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से मिल रही थीं। चोरी के वाहनों की संतुष्टीपूर्वक बरामदगी न होने पर एसपी तुषारकांत विद्यार्थी ने चोरों पर शिंकजा कसने के लिए सभी थाना प्रभारियों को अभियान के तहत वाहनों की बरामदगी के निर्देश दिए थे। एसपी टीके विद्यार्थी की मॉनिटरिंग में पुलिस ने थानावार वाहन चोर एवं उनके साथियों की सघन पड़ताल की। जिसके बाद पुलिस ने करीब 125 दो पहिया वाहन जब्त किए हैं। एसपी टीके विद्यार्थी ने बताया कि 15 शातिर चोरों को पकड़ा गया है।

इन जिलों से भी चोरों ने वाहन चुराये

चोरों ने नरसिंहपुर,कटनी हरदा सहित जबलपुर जिले से वाहनों की चोरी की है। जब्त वाहनों में 24 वाहनों के रजिस्ट्रेशन, इंजन व चैचिस नंबर में छेड़छाड़ होना पाया गया है। गिरोह के सदस्य भीड़भाड़ वाले इलाके, बाजार, बारात घर और अस्पताल के आसपास से पलक झपकते वाहन चोरी कर लेते थे। वाहन चुराकर बेचते थे और उस अपराध के जरिए अर्जित संपत्ति बनाते थे।

10 थानों को मिली अधिक सफलता

बताया जाता है कि थाना माढोताल, गढा, कोतवाली, लार्डगंज, गोरखपुर, मदनमहल,
विजयनगर, तिलवारा, पनागर एवं गोहलपुर थाना पुलिस ने अधिक संख्या में वाहन जप्त किए हैं। कार्रवाई में शातिर वाहन चोर विनय उर्फ आर्यन, अमित उर्फ बंदर, शिवम उत्तम पटेल, राज उर्फ विपिन ठाकुर, आशीष झारिया, महेंद्र सोनी, सुबोध रैकवार, ऋषि रैकवार, अबरार खान, राजा बहेलिया, रितेश वर्मा, किशन झारिया जुबेर खान एवं विजय पटेल को गिरफ्तार किया गया है।

हैंडल लॉक एक मिनट में तोड़ते थे बदमाश

पुलिस ने पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि वह हैंडल लॉक को केवल एक मिनट में तोड़ देते थे। जिस वाहन में टायर लॉक लगा हो तो उस वाहन को यह नहीं चुराते थे, क्योंकि एक वाहन को चोरी करने में समय बहुत कम मिलता है। इसलिए वह एक समय में केवल एक लॉक तोड़ते थे। वैसे भी टायर लॉक वाली गाड़ी में मेहनत ज्यादा होती है इसलिए ये वाहन चोर केवल हैंडल लॉक वाली गाडियों को तोड़कर उसे चोरी करते थे। शहर की गाड़ियों को देहात एवं ग्रामीण क्षेत्र के वाहन को शहरी इलाके में सस्ती कीमत यानी की 5 से10 हजार रु पए में बेच दिया

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