Mithilesh Yadav
6 Oct 2025
छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में जहरीले कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ से अब तक 16 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है। इस दर्दनाक घटना के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है। सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद परासिया पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। सीएम ने बच्चों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस हादसे के जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
सीएम डॉ. मोहन यादव सोमवार को छिंदवाड़ा जिले की न्यूटन चिखली नगर परिषद और परासिया पहुंचे, जहां उन्होंने जहरीले सिरप से जान गंवाने वाले अदनान नामक बच्चे के घर पहुंचकर परिवार को ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा, यह एक संवेदनशील मुद्दा है। सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। बीमार बच्चों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने मौके पर मध्य प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को तत्काल पद से हटाने का आदेश दिया। साथ ही, खाद्य एवं औषधि प्रशासन के उपसंचालक शोभित कोष्टा, छिंदवाड़ा के ड्रग इंस्पेक्टर गौरव शर्मा और जबलपुर के ड्रग इंस्पेक्टर शरद जैन को निलंबित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जिस कंपनी से यह जहरीला सिरप बनाया गया, वह तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले की श्रेसन फार्मास्युटिकल्स है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार को भी इस फैक्ट्री के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। जांच में सामने आया कि फैक्ट्री में दवा निर्माण का तरीका अमानक था। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी सभी दवा फैक्ट्रियों की रैंडम और प्रॉपर जांच की जाएगी, चाहे वे किसी भी राज्य में स्थित हों।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सरकार बीमार बच्चों के इलाज का पूरा खर्च उठाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी बच्चे को इलाज के लिए आर्थिक परेशानी न हो। मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि इस त्रासदी में प्रभावित हर परिवार की सहायता की जाए।'
कोल्ड्रिफ सिरप कांड सामने आने के बाद प्रशासन ने लगातार तीन दिनों में ताबड़तोड़ कार्रवाई की।
इसी दिन डॉ. प्रवीण सोनी के मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। अदालत ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें छिंदवाड़ा जेल भेज दिया।
स्वास्थ्य विभाग ने औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली 1945 के तहत मेसर्स अपना मेडिकल स्टोर्स का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। जांच में पाया गया कि स्टोर में बच्चों की मौत से जुड़ा कोल्ड्रिफ सिरप का विक्रय रिकॉर्ड अधूरा था, और दवाएं बिना पंजीकृत फार्मासिस्ट की मौजूदगी के बेची जा रही थीं। इसके अलावा विक्रय बिल भी प्रस्तुत नहीं किए गए, जो नियमों का सीधा उल्लंघन है।
औषधि निरीक्षक दल ने 3 अक्टूबर को निरीक्षण के दौरान कई गंभीर खामियां दर्ज कीं। दुकान की संचालिका ज्योति सोनी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन जवाब नहीं मिलने पर लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। प्रशासन ने दुकान में दवाओं की बिक्री पूरी तरह बंद करने के निर्देश दिए हैं और सभी रिकॉर्ड जब्त कर लिए गए हैं।