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EVM पर पहरा: पिछले विस चुनाव के अनुभवों के आधार पर कांग्रेस मुस्तैद

हर विस क्षेत्र में कार्यकर्ता 3 दिसंबर तक रखेंगे 24 घंटे निगरानी

भोपाल। राज्य के विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को मतदान होने के बाद तीन दिसंबर को मतगणना होगी। इतना लंबा समय राजनीतिक दलों को बिताना मुश्किल हो रहा है। चुनाव के दौरान दो महीने की लगातार भागदौड़ के बाद राजनीतिक दलों के नेता-कार्यकर्ता परिणामों के लिए बेचैन हैं। इसके साथ ही रिजल्ट बताने वाली ईवीएम को लेकर भी सतर्कता बरती जा रही है। चुनाव आयोग के साथ ही कांग्रेस भी बहुत चौकन्नी है। कांग्रेस इस बार ईवीएम हैक करने को लेकर भी आशंकित है। नागदा-खाचरौद के कांग्रेस प्रत्याशी दिलीप सिंह गुर्जर ने इंजीनियरिंग कॉलेज उज्जैन स्ट्रांग रूम के आसपास के कंप्यूटर लैब, इंटरनेट सप्लाई, वाईफाई राउटर, सिस्टम प्रोजेक्टर आदि को बंद कराने की मांग की है। उन्होंने निर्वाचन आयोग को शिकायत में बताया था कि 18 नवंबर तक ये सभी उपकरण चालू पाए गए थे। तीन दिसंबर को वेबकास्टिंग की जाने की स्थिति में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर का नाम की जानकारी मांगी है।

2018 : ऐसी हुईं थी ईवीएम संबंधी शिकायतें

केस-1: सागर जिले के खुरई में 48 घंटे बाद ईवीएम स्ट्रांग रूम तक पहुंची थी। एक बिना नंबर प्लेट वाली बस से ईवीएम देर से पहुंचने पर कांग्रेस ने आपत्ति उठाई थी। बाद में खुरई के रिटर्निंग ऑफिसर नायब तहसीलदार राजेश मेहरा को सस्पेंड किया गया।

केस-2: भोपाल के पुरानी जेल स्थित स्ट्रांग रूम में 30 नवंबर को अचानक एक एलईडी बंद हो गई। एक घंटे सीसीटीवी कैमरे बंद रहे। कांग्रेस ने आपत्ति जताई, इसके बाद जनरेटर पहुंचाया गया। बिजली विभाग के अधिकारी ने कहा था कि न तो लाइट गई, न कोई फॉल्ट हुआ।

केस-3: भिंड में कांग्रेस प्रत्याशी को एक युवक ने ईवीएम हैक कर फायदा पहुंचाने का दावा किया था। प्रत्याशी की शिकायत पर अभय जोशी नामक युवक को गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह सतना के स्ट्रांग रूम में अज्ञात बॉक्स जाने की शिकायत मिली थी।

तकनीकी मामला है इसलिए सतर्कता जरूरी : धनोपिया

ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका को लेकर कांग्रेस क्यों गंभीर है, इस बारे में हमने पार्टी के वरिष्ठ नेता और चुनाव प्रभारी जेपी धनोपिया से बात की।

  • सवाल : कांग्रेस को गड़बड़ी की आशंका ज्यादा है?
  • जवाब : बात आशंका की नहीं, तकनीकी मामला है इसलिए जागरूक रहना ही चाहिए। हर क्षेत्र का कार्यकर्ता तकनीकी मामले को लेकर एक जैसी समझ नहीं रखते, इसलिए समझाना जरूरी है।
  • सवाल : आपने सीसीटीवी फुटेज के लिंक भी मांगे हैं, क्यों?
  • जवाब : हां, लेकिन चुनाव आयोग नहीं दे रहा। पिछले चुनाव में भोपाल में ही एक घंटे सीसीटीवी कैमरे बंद हो गए थे। आखिर पारदर्शिता तो रखना चाहिए।
  • सवाल : कार्यकर्ताओं को कैसे प्रशिक्षित करेंगे?
  • जवाब : हमने रविवार को प्रदेशभर के कांग्रेस प्रत्याशी और उनके दो-दो प्रतिनिधियों को ट्रेनिंग का कार्यक्रम रखा है। लीगल सेल और तकनीकी विशेषज्ञ मतगणना स्थल पर सतर्क रहते हुए जिम्मेदारी निभाने की जानकारी देंगे।

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