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ओडिशा रेल हादसा : रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने घायल चालकों के बयान दर्ज किए

भुवनेश्वर। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने रेल दुर्घटना में घायल हुए ट्रेन चालक गुणनिधि मोहंती और उनके सहायक हजारी बेहेरा के बयान दर्ज किए हैं। दोनों का एम्स-भुवनेश्वर में इलाज किया जा रहा है। दोनों को दो जून को बाहानगा बाजार के पास दुर्घटनाग्रस्त हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस से निकाला गया था।

दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) आदित्य चौधरी ने बताया कि दोनों चालकों की हालत स्थिर है। मोहंती को सोमवार को आईसीयू से बाहर लाया गया। दोनों चालकों के परिजनों ने लोगों से उनकी निजता का सम्मान करने की अपील की है और उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होने देने का अनुरोध किया है। उन्होंने दावा किया कि दोनों ट्रेन चालकों को दुर्घटना के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि वे रेल नियमों के अनुसार ट्रेन चला रहे थे।

रेल मंत्री ने बताया हादसे का कारण

ओडिशा के बालासोर में दो जून को हुए रेल हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई और एक हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए। हादसे का कारण पता चल गया है। रेल मंत्री ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि, यह हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुआ। हमने जिम्मेदारों की भी पहचान कर ली है, उन पर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम वह होता है जिसमें ट्रेन का ट्रैक तय किया जाता है। इसके साथ ही रेल मंत्री ने कहा कि हादसे का कवच सिस्टम से कोई लेना-देना नहीं है।

कैसे हुआ हादसा

जानकारी के मुताबिक, हादसा बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास शाम करीब 7 बजे हुआ। रेलवे के मुताबिक, कोलकाता-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस बहानगा स्टेशन के पास डिरेल हो गई थी। इसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन पास के ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पहले यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस डिरेल हुई थी। इसके कुछ डिब्बे दूसरी पटरी पर पलटे और दूसरी तरफ से आ रही शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए। इसके बाद कोरोमंडल ट्रेन की भी कुछ बोगियां पटरी से उतर गई। ये बोगियां दूसरे ट्रैक पर मालगाड़ी से टकरा गईं। वहीं कुछ बोगियां मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गईं।

उड़ गई पटरी, अलग हो गए पहिए

तीन ट्रेनों की टक्कर इतनी भयानक और भीषण थी कि रेल ट्रैक पर कई किलोमीटर तक पटरी गायब हो गई थी। भीषण टक्कर के बाद पटरी टूटकर दूर जा गिरी। ट्रेन की बोगियों से पहिये अलग हो चुके थी, बोगियां पिचक गईं थीं और ट्रेन के दोनों पहिये अलग हो गए थे। टक्कर के बाद स्टील की बोगियां खिलौने जैसी पिचकी पड़ी थीं। राहतकर्मियों ने गैस कटर से बोगियों को काटकर अलग किया और उसमें फंसे लोगों को निकाला। अंदर का दृश्य बेहद भयावह था।

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