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टाइटन पनडुब्बी में सवार 5 लोगों की मौत, चार दिन से थी लापता; टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गए थे सभी

वॉशिंगटन। टाइटन पनडुब्बी में सवार सभी पांच लोगों की मौत हो गई है। ये पनडुब्बी 4 दिन यानी 18 जून की शाम से लापता थी। पनडुब्बी अटलांटिक महासागर में अप्रैल 1912 में डूबे टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए गई थी। टाइटन पनडुब्बी का मलबा टाइटैनिक जहाज के मलबे से 1600 फीटे नीचे मिला है। अमेरिकी कोस्ट गार्ड के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की।

सबमरीन में मौजूद थे ये पांच लोग

18 जून को ओशनगेट कंपनी की यह पनडुब्बी सफर पर निकली थी, लेकिन शुरुआती 2 घंटों में ही इससे संपर्क टूट गया था। सबमरीन में मौजूद पांच लोगों में फ्रांस के डाइवर पॉल-हेनरी, पाकिस्तानी-ब्रिटिश कारोबारी शहजादा दाऊद, उनका बेटा सुलेमान और ओशनगेट कंपनी के CEO स्टॉकटॉन रश मौजूद थे। इसके अलावा पनडुब्बी में ब्रिटेन के अरबपति हैमिश हार्डिंग भी सवार थे। जिन्होंने भारत में चीता लाने में सहयोग किया था। इस टाइटन सबमरीन की मालिक ओशनगेट कंपनी ही है।

111 साल पहले डूब गया था टाइटैनिक जहाज

टाइटैनिक दुनिया के इतिहास का सबसे प्रसिद्ध जहाज है जो कि वर्ष 1912 में अपनी पहली यात्रा के दौरान ही आइसबर्ग से टकराने के कारण दुर्घटना का शिकार हुआ था और अटलांटिक महासागर में डूब गया था। जहाज इंग्लैंड के साउथम्पैटन से अमेरिका के न्यूयार्क की यात्रा पर था। जब यह हादसा हुआ, तो जहाज करीब 41 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा था। साल 1912 में 14 और 15 अप्रैल की रात अटलांटिक महासागर में समा गया। इस हादसे में करीब 1500 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे को आज भी सबसे बड़ा समुद्री हादसा माना जाता है।

इस जहाज का मलबा अटलांटिक महासागर की गहराई में दबा था। टाइटैनिक की घटना पर फिल्म भी बन चुकी है। बता दें कि टाइटैनिक जहाज के मलबे को 1985 में अटलांटिक महासागर में खोजा गया था। टाइटैनिक जहाज का मलबा अटलांटिक ओशन में मौजूद है। मलबा महासागर में 3800 मीटर की गहराई में है।  मलबा कनाडा के न्यूफाउंडलैंड के तट से लगभग 600 किमी (370 मील) दूर है।

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