Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका की ओर से भारतीय सामान पर लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ को अनुचित और अव्यावहारिक बताया है। उन्होंने साफ कहा कि भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता पर कायम रहेगा और किसानों व छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा। यह बात जयशंकर ने शनिवार को इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम 2025 में कही।
अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने के चलते भारत पर दंडात्मक कार्रवाई करते हुए भारतीय निर्यात पर टैरिफ 50 फीसदी से ज्यादा कर दिया है। इस पर जयशंकर ने कहा, "हमारी चिंता की मुख्य विषय किसानों और छोटे उत्पादकों के हित हैं। यह सरकार उनके पक्ष में खड़ी है और इसमें कोई समझौता संभव नहीं।"
जयशंकर ने अमेरिकी आरोपों को भ्रामक करार दिया। उन्होंने कहा कि इस विवाद को तेल के मुद्दे की तरह पेश किया जा रहा है, जबकि वास्तविकता यह है कि दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातक चीन और सबसे बड़े एलएनजी आयातक यूरोपीय देशों पर ऐसे सवाल नहीं उठाए जाते। उन्होंने तर्क दिया कि यूरोप का रूस के साथ व्यापार भारत से कहीं अधिक है, फिर भी आरोप केवल भारत पर लगाए जा रहे हैं।
विदेश मंत्री ने साफ कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों के मुताबिक फैसले लेने का अधिकार रखता है। उन्होंने कहा, "यही रणनीतिक स्वायत्तता की असली परिभाषा है। जब हम अपने हितों को ध्यान में रखकर निर्णय लेते हैं, तो वह किसी के दबाव में नहीं बल्कि अपने अधिकार में करते हैं।"
भारत-अमेरिका रिश्तों को लेकर जयशंकर ने कहा कि बातचीत जारी है। उन्होंने कहा, "हम दो बड़े देश हैं। संवाद की लाइनें खुली हैं और बातचीत जारी है। देखना होगा कि आगे स्थिति किस दिशा में जाती है।" हालांकि उन्होंने वॉशिंगटन के नए राजदूत पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
जयशंकर ने हाल ही में रूस का दौरा किया था, जहां उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उप प्रधानमंत्री डेनिस मंतुरोव और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। इस दौरान आतंकवाद, यूक्रेन संघर्ष और पश्चिम एशिया सहित कई अहम वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं भी पुतिन तक पहुंचाईं।