भोपालमध्य प्रदेश

Bhopal News : क्रिसमस और न्यू ईयर पर जाम छलके तो होटल मालिक के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा

अनाधिकृत रूप से शराब परोसने वालों के खिलाफ 24 दिसंबर से 2 जनवरी तक विशेष अभियान

भोपाल। राजधानी में होटल्स और ढाबों में क्रिसमस और नए साल पर अनाधिकृत और अवैध रूप से जाम छलकाने या बगैर लाइसेंस के शराब पार्टी कराने पर होटल मालिक के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जाएगा। अब तक मैनेजर और शराब पीने वाले के खिलाफ आबकारी की धाराओं में प्रकरण दर्ज किए जाते हैं और मौके पर मुचलका भराकर छोड़ दिया जाता है।

सहायक आयुक्त आबकारी राकेश कुर्मी ने 24 दिसंबर से 2 जनवरी तक राजधानी की होटल और ढाबों में अनाधिकृत रूप से शराब परोसने वालों के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके लिए अलग-अलग क्षेत्र के लिए विशेष टीमें भी बनाई हैं। भोपाल के आबकारी नियंत्रक सजेंद्र मोरी ने बताया राजधानी में करीब 150 से ज्यादा होटल्स और ढाबों पर बगैर लाइसेंस के शराब पिलाई जा रही है। हालांकि, इन पर लगातार दबिश देकर प्रकरण बनाए जा रहे हैं। उनका कहना है कि 24 दिसंबर से 2 जनवरी तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। क्रिसमस और नए साल पर कोई होटल या ढाबा संचालक अपने यहां न्यू ईयर पार्टी करना चाहते तो उन्हें एफएल- 5 लाइसेंस लेना होगा। 20 दिसंबर तक होटल और ढाबा संचालकों ने 100 से अधिक एफएल- 5 लाइसेंस लिए हैं।

FL-5 की एक दिन की फीस 10 हजार रुपए

एफएल-5 लाइसेंस अस्थाई रूप से एक दिन के लिए दिया जाता है। जिस होअल या ढाबे में किचन और बैठक व्यवस्था है, उसकी एक दिन की फीस 10 हजार रुपए निर्धारित है। जहां किचन नहीं है, उसकी फीस 5 हजार रुपए है। घर या फार्म हाउस के लिए इस लाइसेंस की फीस 2 हजार रुपए है।

150 से अधिक होटल्स और ढाबों की निगरानी

राजधानी और उसके सीमावर्ती क्षेत्र में 150 से अधिक ढाबे और होटलों में अवैध रूप से शराब परोसी जा रही है। इनमें एमपी नगर, कोलार, बैरागढ़, रायसेन रोड, अयोध्या नगर, होशंगाबाद, 10 नंबर में सर्वाधिक होटल और ढाबे हैं। क्रिसमस और नए साल के दौरान इनकी निगरानी की जाएगी।

बगैर लायसेंस के शराब पिलाने वाले होटल्स और ढाबों पर लगातार दबिश देकर प्रकरण बनाए जा रहे हैं। 24 दिसंबर से 2 जनवरी तक सभी होटल और ढाबों में अवैध रूप से शराब पार्टी होने पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अभियान चलाया जाएगा। जिन्हें भी शराब पानी आयोजित करना है, इसके लिए उन्हें एफएल-5 का लायसेंस लेना होगा। – राकेश कुर्मी, सहायक आयुक्त आबकारी भोपाल

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