Manisha Dhanwani
30 Oct 2025
काठमांडू। नेपाल में राजनीतिक संकट के बीच रविवार को सुशीला कार्की ने सिंहदरबार पहुंचकर औपचारिक रूप से अंतरिम प्रधानमंत्री का पदभार संभाला। उनके साथ नेपाल के आर्मी चीफ भी मौजूद रहे। पद संभालने के बाद अपने पहले संबोधन में सुशीला कार्की ने कहा, 'मैं और मेरी टीम यहां सत्ता का स्वाद चखने नहीं आए हैं। हम यहां 6 महीने से ज्यादा नहीं रुकेंगे।' हमारा उद्देश्य व्यवस्था सुधारना है, सत्ता में बने रहना नहीं। हम नई संसद को जिम्मेदारी सौंप देंगे। आपके सहयोग के बिना हमें सफलता नहीं मिलेगी।
सुशीला कार्की ने साफ कहा कि हाल में हुई तोड़फोड़ की घटनाओं में शामिल लोगों की जांच की जाएगी। उनका यह भी बयान रहा कि जनता का सहयोग उनके सफल शासन के लिए अनिवार्य है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनका कार्यकाल केवल अंतरिम है और वे जल्द ही नई सरकार का मार्ग प्रशस्त करेंगी।
नेपाल में सुशीला कार्की के प्रधानमंत्री बनने के बाद युवाओं में काफी उम्मीदें बढ़ी हैं। कई युवाओं ने बताया कि यह नेतृत्व नेपाल के लिए जरूरी बदलाव लेकर आएगा। संतोष नामक एक युवा ने कहा, "यह नेतृत्व भ्रष्टाचार को खत्म करने और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में कदम है। देश में बेरोजगारी, कमजोर शिक्षा व्यवस्था और इंडस्ट्री की कमी बड़े मुद्दे थे। अब Gen-Z नेतृत्व से बेहतर भविष्य की उम्मीद है।"
प्रधानमंत्री बनने के बाद हालात सामान्य करने के प्रयास तेज हो गए हैं। करीब 4-5 दिनों के बाद नेपाल-भारत बॉर्डर आम लोगों के लिए फिर से खोल दिया गया है। अब छोटे वाहनों से आधार कार्ड दिखाकर लोग सीमापार कर सकते हैं। हालांकि बड़ी गाड़ियों की आवाजाही अभी भी बंद है, क्योंकि भंडार कार्यालय को आग के हवाले किया गया था, जिससे कागजी कामकाज रुक गया था।
हालांकि हालात धीरे-धीरे सुधरने लगे हैं, लेकिन हिंसा की चपेट में अब तक 61 लोग आ चुके हैं। काठमांडू के बौद्ध इलाके के भाटभटेनी सुपर स्टोर से आज सुबह छह शव बरामद किए गए। सरकार ने कहा है कि स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और जल्द से जल्द पूरे देश में शांति बहाल की जाएगी।