Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
दिल्ली में MBBS और PG की पढ़ाई का सपना देख रहे छात्रों के लिए निराशा भरी खबर सामने आई है। जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए अपनी सभी मेडिकल सीटें वापस ले ली हैं। इसमें 150 एमबीबीएस और 49 पीजी सीटें शामिल हैं। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब 21 जुलाई से नीट की काउंसलिंग शुरू होनी है।
हमदर्द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (HIMSR) में चल रही आर्थिक गड़बड़ियों और प्रशासनिक विवादों की वजह से यह कदम उठाया गया है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) की ओर से जारी अस्थायी सीट मैट्रिक्स में HIMSR के लिए एक भी सीट नहीं दिखाई गई है।
6 जून को NMC को भेजे गए एक पत्र में जामिया हमदर्द के रजिस्ट्रार ने बताया कि कुछ निजी पक्षों के हस्तक्षेप के चलते अब विश्वविद्यालय HIMSR की प्रवेश प्रक्रिया पर नियंत्रण नहीं रख पा रहा है। इसी कारण विश्वविद्यालय ने MBBS और PG सीटों की मान्यता से खुद को अलग कर लिया।
जामिया हमदर्द के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद अफशर आलम ने बताया कि कॉलेज प्रशासन को कई बार यूजीसी के नियमों का पालन करने के लिए कहा गया था, लेकिन निर्देशों को लगातार नजरअंदाज किया गया। विश्वविद्यालय यूजीसी के नियमों का पालन करता है और छात्रों के भविष्य को देखते हुए अब न्यायालय से उम्मीद की जा रही है।
विवाद की जड़ HIMSR और उससे जुड़े HAH सेंटेनरी अस्पताल में सामने आई आर्थिक अनियमितताएं हैं। CAG की रिपोर्ट के मुताबिक, 2011 से 2023 के बीच 813 करोड़ रुपए की राशि हमदर्द एजुकेशन सोसाइटी को ट्रांसफर की गई, जो यूजीसी के नियमों का उल्लंघन है। इस राशि का उपयोग छात्रों और स्टाफ के हितों के विरुद्ध बताया गया है।
विश्वविद्यालय ने इन तमाम घटनाओं के बाद दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। याचिका में बताया गया कि तीसरे पक्ष द्वारा उनकी वेबसाइट और दस्तावेजों का गलत उपयोग किया गया है। कोर्ट ने फिलहाल HIMSR की किसी भी सीट को NEET काउंसलिंग में शामिल न करने का निर्देश दिया है।
अब जब दाखिले पर रोक लग चुकी है, छात्रों और अभिभावकों में चिंता का माहौल है। विश्वविद्यालय को उम्मीद है कि कोर्ट का फैसला छात्रों के हित में आएगा और स्थिति जल्द सामान्य होगी।