Manisha Dhanwani
22 Dec 2025
इंदौर। इंदौर में निजी स्कूलों की मनमानी का एक चौंकाने वाला और शर्मनाक मामला सामने आया है। शहर के नामी द एमरॉल्ड हाइट इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंधन पर 10वीं के छात्र को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित कर स्कूल से बाहर निकालने के गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़ित छात्र नेशनल लेवल का शूटर है, जिसका करियर अब खतरे में बताया जा रहा है। पीड़ित पक्ष ने मामले की शिकायत बाल कल्याण आयोग में दर्ज कराई है। साथ ही स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह, इंदौर कलेक्टर, एसपी और जिला शिक्षा अधिकारी से भी न्याय की गुहार लगाई गई है।
बिना सबूत लगाए गंभीर आरोप, स्कूल से किया टर्मिनेट – अभिभावक
पीड़ित छात्र के पिता साजिद एम. इब्राहिम पिल्लै, निवासी बालाघाट, ने अपनी शिकायत में बताया कि उनका बेटा एमरॉल्ड हाइट इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा 10वीं का छात्र है। 27 नवंबर को स्कूल प्रबंधन ने उन्हें सूचना दी कि उनके बेटे ने स्कूल में मारपीट की घटना को अंजाम दिया है, इसलिए उसे तत्काल टर्मिनेट किया जा रहा है। सूचना मिलते ही साजिद अपनी पत्नी के साथ तुरंत इंदौर पहुंचे, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने कोई ठोस सबूत दिए बिना अपने फैसले पर अड़े रहने का रवैया अपनाया।
मां की गुहार भी बेअसर, जबरन स्कूल से निकाला
शिकायतकर्ता के मुताबिक, 29 नवंबर को छात्र की मां स्कूल पहुंचीं और प्रबंधन से एकतरफा फैसला वापस लेने की अपील की। उन्होंने बताया कि छात्र 10वीं में है और नेशनल लेवल शूटिंग खिलाड़ी है। टर्मिनेशन से उसका पूरा भविष्य तबाह हो सकता है।
पीड़ित छात्र ने खोली पोल: 11वीं के छात्रों ने की मारपीट
मारपीट और सजा के चलते छात्र की तबीयत बिगड़ गई।
टीचर्स बने तमाशबीन, प्राथमिक इलाज तक नहीं
अभिभावकों का आरोप है कि मारपीट की घटना के दौरान स्कूल के शिक्षक मौजूद थे, लेकिन किसी ने छात्र को बचाने या न्याय दिलाने की कोशिश नहीं की।इतना ही नहीं, घायल छात्र को प्राथमिक इलाज तक नहीं कराया गया। जब परिजन छात्र को इंदौर के सरकारी अस्पताल ले गए तो बिना एफआईआर इलाज से इनकार कर दिया गया। मजबूरी में छात्र को बालाघाट ले जाकर निजी अस्पताल में इलाज कराना पड़ा।
1100 कैमरे, फिर भी सीसीटीवी फुटेज देने से बच रहा प्रबंधन
स्कूल प्रबंधन ने छात्र पर मारपीट करने का आरोप लगाकर उसे टर्मिनेट किया, लेकिन छात्र का दावा इसके बिल्कुल उलट है।अभिभावकों ने 26 से 29 नवंबर के बीच की सीसीटीवी फुटेज मांगी है।उनका कहना है कि स्कूल परिसर में करीब 1100 कैमरे लगे हैं, जिनकी जांच से सच्चाई सामने आ सकती है। लेकिन गंभीर सवाल यह है कि—अगर स्कूल प्रबंधन के दावे सही हैं, तो वह सीसीटीवी फुटेज देने से क्यों कतरा रहा है?