Manisha Dhanwani
26 Oct 2025
भोपाल। मध्यप्रदेश में मानसून ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। आज 3 सितंबर 2025 को मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। बादलों की गड़गड़ाहट और मूसलाधार बारिश का दौर कुछ इलाकों में मुश्किलें बढ़ा सकता है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मौसम विभाग ने भोपाल समेत प्रदेश के 18 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटे बेहद संवेदनशील माने जा रहे हैं, जहां बारिश जनजीवन को प्रभावित कर सकती है। प्रशासन ने अलर्ट मोड में रहते हुए लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है।
ग्वालियर के तिघरा डैम में जलस्तर बढ़ने के चलते मंगलवार रात को 7 गेट खोलकर पानी छोड़ा गया। इसी तरह जबलपुर में बरगी डैम का जलस्तर 422.85 मीटर पहुंच गया जिस कारण बुधवार 3 सितंबर को डैम के 9 गेट खोले जाएंगे। बताया जा रहा है कि नर्मदापुरम के तवा डैम के भी 5 गेट खोल दिए गए हैं। साथ ही हरदा जिले में मंगलवार रात से लगातार बारिश जारी है। अजनाल, मटकुल, देदली, माचक और गंजाल नदियों के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई है। जिला प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।
मौसम विभाग के मुताबिक, मध्यप्रदेश के देवास, सीहोर, हरदा, खंडवा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जिलों में अगले 24 घंटों के लिए अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में करीब 200 मिमी यानी साढ़े 8 इंच तक बारिश होने की संभावना जताई गई है। तो वहीं, लगातार बारिश के चलते निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। हालात को देखते हुए प्रशासन ने सतर्कता बरतने की अपील की है और लोगों से नदी-नालों से दूर रहने को कहा है।
मध्यप्रदेश में इस साल मानसून अपेक्षा से ज्यादा मेहरबान रहा है। मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अब तक प्रदेश में 38.2 इंच बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है, जो सीजन की 104 प्रतिशत है। जबकि सामान्यत इस समय तक औसतन 31.5 इंच बारिश होनी चाहिए थी। एमपी की सालाना सामान्य वर्षा औसतन 37 इंच मानी जाती है, यानी इस साल अब तक सामान्य से ज्यादा पानी बरस चुका है। तुलना करें तो पिछले वर्ष पूरे सीजन में 44 इंच बारिश दर्ज की गई थी।
मौसम विभाग का कहना है कि 4 से 7 सितंबर तक प्रदेश के कई हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश होने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी में बना लो प्रेशर सिस्टम और साइक्लोनिक सर्कुलेशन मध्यप्रदेश में मानसून को और सक्रिय कर रहा है। इस साल मानसून ने प्रदेश में औसत से 30% अधिक बारिश दी है और यह सिलसिला अभी थमने वाला नहीं है।