Naresh Bhagoria
4 Dec 2025
Naresh Bhagoria
4 Dec 2025
Manisha Dhanwani
4 Dec 2025
Naresh Bhagoria
4 Dec 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश में अब स्टाम्प पेपर की छपाई पूरी तरह से समाप्त होने जा रही है। पंजीकरण एवं मुद्रांक विभाग ने इस संबंध में एक प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है, जिसमें स्टाम्प पेपर की छपाई को समाप्त करने का सुझाव दिया गया है। यह कदम राज्य में डिजिटल व्यवस्था को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
मध्य प्रदेश में स्टाम्प पेपर की खरीद और उपयोग अब पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित और पारदर्शी हो गया है। जुलाई 2013 से शुरू हुए इलेक्ट्रॉनिक स्टाम्पिंग सिस्टम ने दस्तावेजों की प्रक्रिया को आसान और ट्रैक करने योग्य बना दिया है। इस सिस्टम के तहत अब स्टाम्प पेपर ऑनलाइन खरीदा जा सकता है और हर ट्रांजेक्शन का डिजिटल रिकॉर्ड बनता है, जिससे दुरुपयोग की संभावनाएं कम होती हैं।
ई-स्टाम्प खरीदने के लिए सबसे पहले मध्य प्रदेश के ई-स्टाम्पिंग पोर्टल या किसी अधिकृत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जाएं।
फॉर्म में दस्तावेज की श्रेणी जैसे बिक्री विलेख, किराया समझौता आदि का चयन करें और लेनदेन की जरूरी जानकारी भरें।
इसके बाद नेट बैंकिंग, यूपीआई या डेबिट-क्रेडिट कार्ड के जरिए ऑनलाइन भुगतान करें।
पेमेंट पूरा होते ही आपको तुरंत डिजिटल स्टाम्प सर्टिफिकेट मिल जाएगा, जिसे भविष्य में इस्तेमाल किया जा सकता है।
जो लोग ऑनलाइन प्रक्रिया नहीं करना चाहते, वे अपने शहर के किसी अधिकृत ई-स्टाम्प वेंडर से भी स्टाम्प खरीद सकते हैं।
ईएसएस के जरिए हर स्टाम्प की ट्रैकिंग संभव हो जाती है।
ई-स्टाम्पिंग प्रणाली मध्य प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण डिजिटल पहल है, जिससे न केवल प्रक्रिया आसान हुई है, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ी है। इससे आम लोगों को समय और मेहनत दोनों की बचत होती है, साथ ही सरकारी राजस्व में भी इजाफा होता है। अब स्टाम्प का दुरुपयोग करना आसान नहीं, और ट्रैकिंग पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गई है।
इस नई प्रणाली के माध्यम से, मध्य प्रदेश सरकार ने न केवल दस्तावेजों की प्रक्रिया को सरल बनाया है, बल्कि पारदर्शिता को भी बढ़ावा दिया है। डिजिटल स्टाम्प के माध्यम से, नागरिकों को एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका उपलब्ध होगा, जिससे उन्हें अपने लेनदेन में आसानी होगी।
मध्य प्रदेश अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है, जिसमें तकनीकी प्रगति और पारदर्शिता को महत्व दिया जा रहा है। आने वाले दिनों में, उम्मीद की जा रही है कि यह प्रणाली अन्य क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी।