MP Budget Session 2023 : वित्तमंत्री बोले-कांग्रेस के समय वेतन के लिए पैसे नहीं थे, हमने तो कर्ज से विकास किया
बजट के प्रावधानों और अलॉटमेंट पर तीखी तकरार, भनोत ने किया दो बार बहिर्गमन
Publish Date: 15 Mar 2023, 10:04 PM (IST)Reading Time: 2 Minute Read
भोपाल। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि कांग्रेस के समय किसान कर्जमाफी और कर्मचारियों के वेतन भत्तों के लिए कर्जा लिया गया था, जबकि भाजपा सरकार ने कर्ज विकास कार्यों के लिए लिया है। जिन विभागों में प्रावधान से कम अलॉटमेंट हुआ है, उसमें राशि की व्यवस्था की जाएगी। वित्त मंत्री ने बजट चर्चा के दौरान टोका-टाकी और तीखी तकरार के बीच विपक्षी आरोपों को खारिज कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह बोले कि 10 साल का रोना कब तब रोते रहोगे, 20 साल हो गए सरकार चलाते, जनता के काम करो। उन्होंने नसीहत दी कि जोर से न बोलें, आपको हार्ट प्रॉब्लम है। पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत और बाला बच्चन ने बजट प्रावधानों के मुकाबले कम आवंटन और कर्ज के मुद्दे पर निशाना साधा।
सरकार नहीं बता रही कर्ज कितना है
भनोत ने कहा- सरकार यह नहीं बता रही कि कर्ज कितना है और आगे कितना कर्ज लिया जाएगा। इस पर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि कर्ज लेना कोई बुरा नहीं है। सभी सरकारें कर्ज लेती हैं। हमने भी लिया है। इसका ब्याज और किस्तें समय पर चुका रहे हैं। भनोत ने वित्त मंत्री पर सच छिपाने का आरोप लगाते हुए दो बार वॉकआउट किया। वित्त मंत्री ने विधायक जयवर्धन सिंह की तरफ देखकर कहा- हमने भी 10 साल की सरकार देखी है। तब एक घंटे बिजली नहीं आती थी। उन दिनों को लेकर शर्म नहीं आती क्या? इस पर जयवर्धन, प्रियव्रत सिंह, कुणाल चौधरी और पीसी शर्मा ने 20 साल से सत्ता में होने के बाद भी बिजली बिल वसूली के लिए किसानों की कुर्की, बाइक और टैक्टरों को खींचने का जिक्र किया।
आसंदी का सुझाव
आसंदी से सभापति लक्ष्मण सिंह ने सुझाव दिया कि वित्तमंत्री विपक्षी सदस्यों के सुझाव शामिल करने के पहले उनके साथ बैठक भी कर लें। कांग्रेस के रवींद्र सिंह भिड़ौसा ने कहा कि अटल प्रोग्रेस वे का नामकरण अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल के नाम पर होना था। कांग्रेस के सुनील सराफ ने राशन दुकानों में गेहूं न मिलने का मुद्दा उठाया। अजय टंडन बोले- यह अमृतकाल का नहीं विषकाल का बजट है। विनय सक्सेना ने लोकायुक्त रिपोर्ट और 26 फीसदी भ्रष्टाचार बढ़ने का जिक्र किया। प्रवीण पाठक ने कहा कि अब हर व्यक्ति पर 48 हजार रुपए का कर्ज है जबकि कांग्रेस के समय मात्र 33 सौ रुपए ही था।