Naresh Bhagoria
18 Nov 2025
सारंगपुर। लद्दाख के लेह में ड्यूटी के दौरान आए भीषण हिमस्खलन में शहीद हुए मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के पचोर निवासी अग्निवीर हरिओम नागर (22) का मंगलवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद की पार्थिव देह सुबह सेना के वाहन से पचोर के पास बोड़ा नाका पहुंचाई गई, जहां से अंतिम यात्रा शुरू हुई।
21 किलोमीटर लंबी इस यात्रा में हजारों की संख्या में लोग उमड़े। यात्रा राष्ट्रभक्ति गीतों और नारों के बीच पुरानी पचोर, सराफा बाजार, मुख्य चौक और थाना परिसर से होती हुई टूटियाहेड़ी स्थित श्मशानघाट पहुंची। श्मशान को फूलों से सजाया गया था और यहां सेना के अधिकारियों ने पहले पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद को अंतिम सम्मान दिया।

शहीद के पिता दुर्गाप्रसाद नागर अपने बेटे का पार्थिव शरीर देखते ही बेसुध हो गए। उन्हें ग्रामीणों ने सहारा देकर बैठाया। शहीद को उनके बड़े भाई बालचंद नागर ने मुखाग्नि दी। पूरे गांव में मातम पसरा रहा, लोग गम और गर्व से नम आंखों से अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
शहीद के सम्मान में क्षेत्र के सभी बाजार बंद रहे और स्कूलों में श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की गईं। हजारों ग्रामीणों ने पुष्पवर्षा करते हुए ‘भारत माता की जय’ और ‘हरिओम अमर रहें’ के नारे लगाए।
शहीद की अंतिम यात्रा में करीब 6 किलोमीटर लंबा काफिला निकला, जिसमें 3 हजार से अधिक बाइक और 1 हजार चार पहिया वाहन शामिल हुए। स्कूली बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर कोई हाथों में तिरंगा लेकर शामिल था। युवाओं ने बाइक पर तिरंगा थामकर शौर्य और देशभक्ति का प्रदर्शन किया।
अंतिम संस्कार से पहले सेना ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद राज्य सरकार की ओर से राज्यमंत्री गौतम टेटवाल, सांसद रोडमल नागर, विधायक अमर सिंह यादव, कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा, एसपी अमित कुमार तोलानी सहित अन्य अधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की।
नगर परिषद अध्यक्ष विकास करोड़िया, जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष मोहन नागर और अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए। थाना परिसर पहुंचने पर थाना प्रभारी शकुंतला बामनिया ने पुष्प अर्पित कर सलामी दी।
हरिओम नागर ने सालभर पहले ही अग्निवीर योजना के तहत भारतीय सेना में चयन पाया था। वह एक सप्ताह पहले छुट्टी पर घर आए थे और छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर वापस लौटे थे। रविवार को लेह में ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आकर उनकी मौके पर ही जान चली गई।
शहीद की पार्थिव देह सोमवार को फ्लाइट से भोपाल लाई गई, जहां से सेना के वाहन द्वारा रात में ही पचोर भेजा गया। हरिओम के परिवार में माता कला बाई, दादा पन्नालाल नागर, पिता दुर्गाप्रसाद और भाई बालचंद हैं।