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भोपाल। विभाग छिनने से नाराज चल रहे मोहन कैबिनेट के मंत्री नागर सिंह चौहान अंतत: सत्ता-संगठन की समझाइश के बाद मान गए। दो दिन के दौरान भोपाल और दिल्ली के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर उन्होंने अपनी बात रखी। सीएम हाउस में मंगलवार आधीरात तक चली बैठक में मामले का पटाक्षेप हो गया। उनके तेवर भी अब नरम पड़ चुके हैं। इसके बाद वह अपने गुरुजी के आश्रम गुजरात के लिए रवाना हो गए।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंत्री नागर सिंह को सख्त शब्दों में समझाइश दे दी गई है। पार्टी पर इस तरह दबाव बनाने को अनुचित ठहराया गया। छिन चुके विभागों की भरपाई का कोई आश्वासन भी नहीं दिया गया। दिन में नागर सिंह ने दिल्ली पहुंचकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित सत्तासं गठन के अन्य कई नेताओं से मुलाकात की थी। इसके बाद वह देर रात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ भोपाल पहुंचे और सीएम हाउस में मुख्यमंत्री डॉ यादव से अपनी नाराजगी पर बात की। इस दौरान भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी मौजूद थे।
देर रात तक सीएम हाउस की बैठक में शामिल होकर सुबह दिल्ली पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने ‘पीपुल्स समाचार’ से हुई चर्चा में बताया कि मंत्री नागर सिंह की नाराजगी दूर हो गई है। मुख्यमंत्री और संगठन प्रमुख के सामने उन्होंने अपनी बात रख दी। नागर सिंह संगठन के कार्यकर्ता हैं ।
सीएम हाउस की बैठक के बाद मंत्री नागर सिंह ने ज्यादातर समय अपना मोबाइल स्विच ऑफ रखा। मीडिया से भी वह दूरी बनाए रहे। बताया जाता है कि बुधवार को वह अपने गुरुजी से मिलने गुजरात स्थित उनके आश्रम के लिए रवाना हो गए।
पाटन के विधायक अजय विश्नोई ने कहा कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए नेताओं का ये सौभाग्य है कि उन्हें मंत्री पद मिल रहा है। ये हमारा दुर्भाग्य है कि हमारी ही पार्टी में हमारे वरिष्ठ नेताओं को कोई सुनने वाला नहीं है। नागर सिंह ने बहुत ही सोच समझकर कदम उठाया होगा । लेकिन भाजपा के पास हर संकट का समाधान पहले से ही होता है। नागर सिंह चौहान का विभाग उनसे क्यों लिया गया है इसका जवाब सीएम ही दे सकते हैं।