Peoples Reporter
6 Oct 2025
Shivani Gupta
30 Sep 2025
भाद्रपद महीने की मासिक शिवरात्रि इस बार बेहद खास रहने वाली है। इस दिन 3 शुभ योग रहेंगे लेकिन भद्रा का साया भी रहने वाला है। पंचांग के अनुसार 21 अगस्त 2025, गुरुवार को यह व्रत रखा जाएगा। हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर आने वाली शिवरात्रि भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की आराधना का सबसे पावन अवसर मानी जाती है। इस दिन उपवासी भक्त भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं और ओम नम: शिवाय का जप कर महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
इस बार भादो शिवरात्रि पर गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का अद्भुत संगम बन रहा है। मान्यता है कि इन योगों में किया गया व्रत और पूजन दोगुना फल देता है। इसके साथ ही सुबह व्यातीपात योग और शाम को वरीयान योग भी बनेंगे जिससे यह दिन और भी फलदायी हो जाएगा।
21 अगस्त को दोपहर 12:44 से रात 12:16 बजे तक भद्रा का साया रहेगा। भद्रा काल में आमतौर पर शुभ कार्य नहीं किए जाते है। विद्वानों के अनुसार महादेव सभी ग्रहों और काल के अधिपति हैं इसलिए उनके पूजन में भद्रा कोई बाधा नहीं बनती।
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चतुर्दशी तिथि 21 अगस्त को दोपहर 12:44 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन 22 अगस्त को सुबह 11:55 मिनट पर होगा। लेकिन शिवरात्रि की पूजा के लिए भक्तों को केवल 44 मिनट का ही शुभ समय मिलेगा। 21 अगस्त को देर रात 12:02 से 12:46 तक का समय ही पूजा के लिए शुभ हैं।
भक्त इस दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, घी और शक्कर से अभिषेक करें। बिलपत्र, धतूरा, और सफेद फूल चढ़ाएं। शिव चालीसा, रुद्राष्टक और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें। इस दिन रात्रि जागरण और भजनों का भी विशेष महत्व है।
मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। साथ ही मंगल दोष, पितृ दोष और अन्य ग्रहों की अशुभता भी कम होती है।